HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़ : जिले में 30 साल से अधिक उम्र के लगभग 39 हजार लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जबकि कम उम्र के करीब दो हजार युवा भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में दवा और इंसुलिन की मांग पिछले वर्षों की तुलना में डेढ़ गुना बढ़ गई है। प्रतिदिन 200 से ज्यादा मरीज दवा लेने अस्पताल आते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मरीजों की काउंसलिंग भी शुरू कर दी है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी के अनुसार, प्रीडायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन डायबिटीज (टाइप 2) की पूरी सीमा तक नहीं पहुंचता। यह संकेत है कि शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ रहा है। यदि समय रहते जीवनशैली और आहार में बदलाव कर लिया जाए, तो पूरी तरह डायबिटीज से बचा जा सकता है।
हालांकि, ज्यादातर लोग इस स्थिति में कोई सावधानी नहीं बरतते और मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदकर ले लेते हैं। जबकि शुरुआती स्टेज में सही सलाह और काउंसलिंग से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
जिले के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 41 हजार लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं। इनमें से 60 फीसदी मरीज सरकारी अस्पतालों से दवाएं प्राप्त कर रहे हैं। खासकर महिलाओं में यह रोग अधिक है; जिला अस्पताल और सीएचसी की ओपीडी में आने वाले मधुमेह मरीजों में 60 फीसदी महिलाएं हैं।
डॉ. वेदप्रकाश (एसीएमओ) ने बताया कि दिनचर्या और खानपान में बदलाव से मधुमेह के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सभी सरकारी अस्पताल और उप-स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के लिए जागरूकता और काउंसलिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।


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