HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। जिला अस्पताल हापुड़ में स्वास्थ्य सेवाएं स्टाफ की भारी कमी से जूझ रही हैं। हालात यह हैं कि अस्पताल में स्वीकृत 38 स्टाफ नर्सों के पदों में से मात्र छह पर ही नियुक्ति हुई है। ऐसे में वार्डों से लेकर नवजात देखभाल इकाई तक, सभी जगह पर मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नवजात यूनिट में भी आधे स्टाफ पर निर्भर सेवाएं
अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में गंभीर स्थिति वाले नवजातों का इलाज होता है। यहां 12 स्टाफ नर्सों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन केवल छह ही कार्यरत हैं। यूनिट बच्चों से भरी रहती है, लेकिन देखरेख के लिए स्टाफ नाकाफी है।
कई चिकित्सकीय पद भी रिक्त, सेवाएं हो रहीं प्रभावित
सिर्फ नर्सिंग स्टाफ ही नहीं, अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ सहित कई चिकित्सक पद भी रिक्त पड़े हैं। जहां डॉक्टर मौजूद हैं, वहां जरूरी संसाधनों का अभाव है, और जहां संसाधन हैं, वहां विशेषज्ञों की तैनाती नहीं हो पाई है। यह असंतुलन अस्पताल की कार्यप्रणाली को लगातार प्रभावित कर रहा है।
100 बेड के अस्पताल को 7 साल बीते, लेकिन समस्याएं जस की तस
दस्तोई रोड पर स्थित 100 बेड का यह जिला अस्पताल सात साल पहले शुरू हुआ था। लेकिन आज भी यह स्टाफ संकट और संसाधन की कमी से जूझ रहा है। मरीजों को बेहतर इलाज देने की जिम्मेदारी जिन स्टाफ नर्सों पर होती है, उनकी संख्या नाकाफी है। वर्तमान में कार्यरत नर्सों में से भी कुछ अवकाश पर हैं, जिससे रोजाना की ड्यूटी शिफ्ट और अधिक प्रभावित हो रही है।
प्रशासन ने भेजा प्रस्ताव, समाधान की राह देख रहा अस्पताल
इस संबंध में जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. हेमलता ने बताया:
"स्टाफ की कमी को लेकर लगातार उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जा रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों के खाली पदों को भरवाने के लिए प्रयास जारी हैं। उम्मीद है जल्द राहत मिलेगी।"
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