ब्रजघाट। उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हो रही लगातार भारी बारिश का असर अब मैदानी क्षेत्रों में दिखने लगा है। गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ते हुए मंगलवार को 198.97 मीटर तक पहुंच गया, जो कि खतरे के निशान से केवल तीन सेंटीमीटर नीचे है। इससे खादर के गांवों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है।
खादर के गांवों में फिर छाई चिंता की लहर
तेजी से बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर चक लठीरा, नयाबांस, गड़ावली, आरकपुर, बख्तावरपुर, शाकरपुर, भगवंतपुर, न्यामतपुर, किशन सिंह मंझरा और रेतावाली मंढैया जैसे गांवों को बाढ़ के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। ग्रामीणों में भय का माहौल है और लोग स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। ग्राम प्रधान निरंजन सिंह राणा ने बताया कि गंगा का जलस्तर इस बार सितंबर महीने में भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है, जो कि सामान्य नहीं माना जा रहा।
जल आयोग ने दी चेतावनी, प्रशासन अलर्ट पर
केंद्रीय जल आयोग के गेज रीडर आबाद आलम ने बताया कि पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जारी वर्षा के चलते गंगा में जलप्रवाह लगातार तेज हो रहा है। ऐसे में अगले 24 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं। यदि वर्षा थमी नहीं, तो नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है।
प्रशासन ने राहत चौकियों को किया सतर्क
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम श्रीराम यादव ने खादर के सभी संवेदनशील गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को नदी के किनारे जाने से सख्ती से मना किया गया है, वहीं राहत चौकियों को आवश्यक संसाधनों के साथ सतर्क कर दिया गया है।
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