HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। हवा की गति धीमी पड़ते ही एनसीआर में वायु प्रदूषण ने फिर से गंभीर रूप ले लिया है। मंगलवार को देश में सबसे खराब हवा वाले शहरों में नोएडा का एक्यूआई 395 दर्ज हुआ, जबकि हापुड़ का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 379 रहा, जिससे यह दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। बढ़ते प्रदूषण ने लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है।
नवंबर माह में हापुड़ का प्रदूषण स्तर कई बार खतरनाक सीमा पार कर चुका है। लगातार तीन दिन तक यह देश में सबसे प्रदूषित शहर रहा था। कुछ दिनों पहले हवा की रफ्तार बढ़ने से हालात थोड़े सुधरे थे, लेकिन अब हवा लगभग थम जाने से एक्यूआई फिर से तेजी से बढ़ रहा है।
मंगलवार को हवा की गति केवल 6 किमी प्रति घंटा रही। शाम को प्रदूषण और बढ़ गया और करीब चार बजे एक्यूआई 408 पर पहुंच गया। दिन का औसत स्तर 379 दर्ज किया गया।
धूलभरी सड़कों से बढ़ी परेशानी
शहर की मुख्य सड़कों—दिल्ली रोड, गढ़ रोड, मेरठ रोड और बुलंदशहर रोड—से रोजाना 40 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। नियमित सफाई न होने से उड़ती धूल प्रदूषण में इजाफा कर रही है। इससे लोगों को चेहरों पर खुजली और आंखों में जलन महसूस हो रही है।
प्रदूषण विभाग का कहना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता विपुल कुमार ने बताया कि धीमी हवा के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। कुछ समय के सुधार के बाद ग्रेप-3 की पाबंदियाँ हटाई गई थीं, लेकिन अब प्रदूषण फिर से उछाल पर है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई जारी है ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।

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