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हापुड़ (संवाददाता): जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर शिक्षक बृहस्पतिवार को भी धरने पर बैठे रहे। भाकियू टिकैत के नेताओं ने भी शिक्षकों के प्रदर्शन को समर्थन दिया। वहीं, जिलाधिकारी ने शिक्षकों से वार्ता की कोशिश की, लेकिन बैठक में कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
शिक्षकों ने उठाए गंभीर आरोप
शिक्षकों का आरोप है कि बीएसए कार्यालय में भ्रष्टाचार की हदें पार हो चुकी हैं। हाल के समय में खंड शिक्षा अधिकारी, लिपिक और डीसी पर की गई कार्रवाई इसका प्रमाण है। वेतन बहाली जैसे मामलों में भेदभाव और अलग-अलग मापदंड लगाना भ्रष्टाचार की गहरी पोल खोलता है। शिक्षकों के पास इस संबंध में कई साक्ष्य मौजूद हैं।
भ्रष्टाचार के 40 बिंदुओं की शिकायत
धरने में शामिल शिक्षकों ने बताया कि भ्रष्टाचार से संबंधित 40 प्रमुख बिंदुओं पर शिकायतें तैयार की गई हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा इस पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा। इस दौरान भाकियू टिकैत के युवा जिलाध्यक्ष ज्ञानेश्वर त्यागी और अखिल भारतीय पंचायत संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष नानक चंद शर्मा ने भी धरने को समर्थन दिया।
प्रशासन की वार्ता कोशिशें नाकाम
शिक्षकों ने एसडीएम और बीएसए द्वारा की गई वार्ता का प्रस्ताव ठुकरा दिया और सीधे जिलाधिकारी से संवाद की मांग की। शाम को जिलाधिकारी के साथ हुई बैठक में भी कोई समाधान नहीं निकला, जिसके बाद शिक्षकों ने धरना जारी रखने का फैसला किया।
धरने में प्रमुख शिक्षकों की उपस्थिति
धरने में नीरज चौधरी, इशरत अली, अंशु सिद्ध, दीपक अग्रवाल, बबीता, सरिता, प्रज्ञा, आनंद सैनी, सुनील, सुशील, अशोक कुमार, विजय त्यागी, संजीव त्यागी, अरुण हूण, योगेश, प्रवेश, साक्षी समेत अन्य कई शिक्षक मौजूद रहे।
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