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गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार रात से गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुका है। इससे खादर क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। रास्तों और खेतों में पानी भर गया है, जिससे लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया है।
ग्रामीण अब नाव और ट्रैक्टर के सहारे एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने को मजबूर हैं। सबसे अधिक असर लठीरा, चक लठीरा, भोजपुर और आसपास के गांवों में देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों के घरों के आस-पास पानी भर गया है। खेतों में खड़ी फसलें डूब चुकी हैं।
चारा खत्म, पशुपालकों की चिंता बढ़ी
चक लठीरा के ग्राम प्रधान निरंजन सिंह ने बताया कि बाढ़ का पानी गांव के भीतर पहुंच चुका है। पशुओं को रखने की जगहें जलमग्न हो गई हैं। हालात यह हैं कि जानवरों के लिए चारा भी खत्म हो गया है। प्रशासन से जो भूसा मिला था, वह अब समाप्त हो चुका है।
हर साल दोहराती है तबाही की तस्वीर
ग्रामीण काबल सिंह का कहना है कि बाढ़ से हर साल किसानों को भारी नुकसान होता है। इस बार पानी जल्दी और तेज़ी से आया है, जिससे धान और सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। अभी तक किसी तरह का मुआवजा नहीं मिला है, जिससे किसानों में आक्रोश है।
प्रशासन अलर्ट, निगरानी जारी
केंद्रीय जल आयोग के गेज रीडर आबाद आलम के अनुसार मंगलवार को गंगा का जलस्तर स्थिर बना हुआ है, लेकिन हालात को देखते हुए आगे जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है।
एसडीएम श्रीराम सिंह ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। प्रभावित गांवों में टीमों को भेजकर हालात की निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की गई है। जरूरतमंदों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
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