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हापुड़ (संवाददाता): बरसात के मौसम में मच्छरजनित बीमारियों ने जिले में दस्तक दे दी है। गुरुवार को जिले के सरकारी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित करीब 960 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जांच के दौरान पांच मरीज मलेरिया से संक्रमित पाए गए, जबकि डेंगू का लार्वा 60 से अधिक स्थानों पर मिला, जिसे तत्काल नष्ट कराया गया।स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए फील्ड में सक्रिय है। विभाग ने बताया कि जिन पांच मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई है, वे धौलाना, हापुड़ और सिंभावली ब्लॉक के निवासी हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है।
ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें, इंतजार में बीता आधा दिन
जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी में सुबह से ही मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं। पर्चा बनवाने से लेकर दवा लेने तक मरीजों को तीन से चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। अधिकतर मरीजों में वायरल फीवर, मलेरिया और टाइफाइड के लक्षण पाए गए। अस्पताल के अधिकांश वार्ड पहले से ही भरे हुए हैं, ऐसे में नए मरीजों को बेड मिलने में कठिनाई हो रही है।
अब तक 12 डेंगू और 10 मलेरिया मरीज मिल चुके
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में अब तक डेंगू के 12 और मलेरिया के 10 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। विभाग ने शहर और आसपास के इलाकों में अभियान चलाकर डेंगू के लार्वा को नष्ट किया है। इसके अलावा, लोगों को जागरूक करने के लिए पंपलेट और घोषणाओं के माध्यम से सतर्क किया जा रहा है।
🗣️ सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी ने दी अपील:
"बुखार या अन्य लक्षण नजर आने पर मरीज सीधे सरकारी अस्पताल पहुंचें। झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं। हमारे अस्पतालों में जांच और उपचार की पूरी सुविधा उपलब्ध है। साफ-सफाई और जलभराव से बचकर ही मच्छरजनित रोगों से बचा जा सकता है।"
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