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हापुड़ (संवाददाता): जिले के जर्जर हो चुके सरकारी विद्यालयों को लेकर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। खस्ताहाल स्कूल भवनों को ध्वस्त कर उनके स्थान पर अब नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। यह निर्माण कार्य अभियंताओं की निगरानी में कराया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका न रहे।
⚠️ दुर्घटना ने जगाई चेतना, हुआ व्यापक सर्वे
कुछ सप्ताह पूर्व भमैड़ा गांव में एक स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से दो छात्र घायल हो गए थे, जिसके बाद प्रशासन ने जिले भर के पुराने स्कूलों की जांच कराने का निर्णय लिया। डीएम अभिषेक पांडेय के निर्देश पर जिले के चारों ब्लॉकों में सर्वे कराया गया, जिसमें 47 स्कूल खतरनाक हालत में पाए गए।
🛠️ अब तक 35 विद्यालयों के भवन गिराए जा चुके
सर्वे के बाद 47 में से 35 स्कूलों का ध्वस्तीकरण कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष स्कूलों पर भी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद इन स्थानों पर छात्र संख्या और ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए नए भवनों का निर्माण किया जाएगा।
🧱 प्रमुख स्कूल जहां हुआ ध्वस्तीकरण:
✔️ गढ़मुक्तेश्वर ब्लॉक:
इनायतपुर, लोदीपुर शोभन, हिरनपुरा, गढ़ प्रथम, जनूपुरा, भरना द्वितीय, करीमपुर, रौड़ा, बीरसिंहपुर आदि।
✔️ हापुड़ ब्लॉक:
इंदिरा कंपोजिट स्कूल, दयानंद प्राथमिक पाठशाला, गणेश पाठशाला, चमरी, आदर्श कंपोजिट, नवादा, शाहपुर जट्ट, टियाला, रघुनाथपुर आदि।
✔️ धौलाना ब्लॉक:
भावा, मीरपुर, लाखन, कपूरपुर, करनपुर जट्ट, समाना, डूहरी, भोवापुर, हिंडालपुर, डहाना नं. 2, कालर बस्ती, छज्जूपुर आदि।
🗣️ सीडीओ ने दी जानकारी
"स्कूल भवनों की स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जहां आवश्यकता है, वहां नए निर्माण के निर्देश दिए गए हैं। पूरा कार्य अभियंताओं की देखरेख में कराया जाएगा, ताकि निर्माण गुणवत्ता पर किसी तरह का समझौता न हो।"
— हिमांशु गौतम, मुख्य विकास अधिकारी
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