Ticker

6/recent/ticker-posts

Header logo

सिंभावली: गन्ना मूल्य बढ़ाने व भुगतान जल्दी कराने की मांग को लेकर किसानों की महा-पंचायत, डीएम को सौंपा ज्ञापन


HALCHAL INDIA NEWS

सिंभावली (हापुड़)। गन्ना मूल्य व भुगतान संबंधी लंबित समस्याओं को लेकर शुक्रवार को गन्ना समिति परिसर में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का बड़ा समागम हुआ। जिलाध्यक्षों व दर्जनों गांवों से आए सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में बैठकर भाग लिया और शासन-प्रशासन से अपनी मुश्किलों का निदान मांगा।

सभा की अध्यक्षता तिलकराम त्यागी ने की जबकि संचालन जितेंद्र नागर ने किया। पवन हूण गुर्जर के नेतृत्व में आए किसानों ने एक स्वर में मांग रखी कि गन्ने का दर बढ़ाकर ₹450 प्रति क्विंटल किया जाए और किसान बकाया राशि तुरंत चुकाई जाए।

सभा में उठी प्रमुख मांगों और अंश:

  • किसानों ने कहा कि सिंभावली चीनी मिल से भुगतान बाधित होने के कारण उन्हें बार-बार सड़कों पर उतरना पड़ता है, इसलिए मिल विकल्प के तौर पर अन्य मिलों के क्रय केंद्र क्षेत्र में खोले जाएं।

  • कई वक्ताओं ने आरोप लगाया कि बिजली आपूर्ति में ओवरलोडिंग और चोरी के नाम पर किसानों के साथ अन्याय हो रहा है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।

  • सभा में यह भी मांग उठी कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाने से बचा जाए तथा पावर घोटाले (2004) के तहत जिन किसानों के बिलों की रसीदें मौजूद हैं, उनके बिलों का पुनर्मूल्यांकन कर बकाया सुधारा जाए।

  • गंगा की बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाया जाए।

  • कृषि संबंधी सुविधाओं में — जैसे कीटनाशक, जैविक दवाइयां, पोटाश व सुपरफॉस्फेट की उपलब्धता — पर विशेष रियायत व निशुल्कता की माँग भी की गई।

महापंचायत में मौजूद राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसान अपनी उपज का भुगतान लेने के लिए बार-बार आंदोलन पर मजबूर हो रहे हैं, जो चिंतनीय है। कालू प्रधान (मेरठ) ने ऊर्जा विभाग पर किसानों के आर्थिक शोषण का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई। नोएडा से आए महेंद्र मुखिया ने संगठनात्मक मजबूती पर जोर दिया।

सूचना पाते ही मौके पर पहुंचे एडीएम संदीप कुमार सिंह ने किसान नेताओं से बातचीत कर उनकी समस्याएँ सुनीं। जिलाध्यक्ष पवन हूण ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उन्हें सौंपा, जिसमें पेराई सत्र से पूर्व बकाया भुगतान, क्रय केंद्रों का विस्तार, ओवरलोडिंग पर रोक, फसल हानि पर मुआवजा और किसान-हितैषी नीतियाँ शामिल हैं।

सभा में उपस्थित प्रमुख नेताओं में मनोज त्यागी (गाजियाबाद), शैलेंद्र आर्य (बुलंदशहर), रोहित भड़ाना, विक्की त्यागी, मोनू त्यागी, जतन गुर्जर व अन्य ग्रामीण प्रतिनिधि शामिल थे। किसानों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की अपील की तथा चेतावनी दी कि अगर मांगों पर समाधान नहीं निकला तो वे अगली रणनीति पर विचार करेंगे।