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आलू की फसल के लिए झुलसा रोग बना बड़ा खतरा


HALCHAL INDIA NEWS

गढ़मुक्तेश्वर। आलू की खेती जनपद में बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन इस फसल को कीट, रोग और खरपतवार से लगभग 42 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है। इनमें झुलसा रोग किसानों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है।

कृषि विभाग के वरिष्ठ प्राविधिक सहायक सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि झुलसा रोग सर्दियों में आलू की पत्तियों और कंदों को प्रभावित करता है। इसका दो प्रकार होता है — अगेती झुलसा, जो दिसंबर की शुरुआत में होता है, और पछेती झुलसा, जो दिसंबर के मध्य से जनवरी के पहले सप्ताह तक अधिक नुकसान करता है। पछेती झुलसा फसल के लिए विशेष रूप से हानिकारक है।

रोग का कारण फाइटोपथोरा नामक फफूंदी है, जो तेजी से फैलकर फसल को बर्बाद कर सकती है। पत्तियों की निचली सतह पर सफेद गोलों के रूप में शुरुआत होती है, जो धीरे-धीरे भूरे और काले हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप आलू के कंद छोटे रह जाते हैं।

सतीश चंद्र शर्मा ने किसानों को सलाह दी है कि कोहरा, कम रोशनी और बारिश के मौसम में फसल की नियमित निगरानी करें और समय पर आवश्यक कीटनाशक या फफूंदीरोधी दवा का छिड़काव करें, ताकि झुलसा रोग से नुकसान कम किया जा सके।