HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। जिले में सामने आए करीब 200 करोड़ रुपये के उर्वरक सब्सिडी घोटाले में अब जांच प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगे हैं। मेरठ मंडल के संयुक्त कृषि निदेशक द्वारा लखनऊ स्थित अपर कृषि निदेशक को भेजा गया पत्र इस मामले में नया मोड़ ला सकता है। पत्र में उन्होंने घोटाले की गंभीरता और संभावित मिलीभगत का जिक्र करते हुए किसी अन्य विभाग की संयुक्त समिति गठित कर पुनः जांच कराने की सिफारिश की है।
यह मामला तब उजागर हुआ जब पिलखुवा के कृष्ण गंज के रहने वाले अनुभव गोयल ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में हापुड़ की मनोज ट्रेडिंग कंपनी, एमएस अग्रवाल एजेंसी, हजारी मल राधा किशन और प्रमोद ट्रेडिंग कंपनी पर गलत तरीके से उर्वरक बेचकर भारी सब्सिडी घोटाले का आरोप लगाया गया था। शिकायत सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव ने इस प्रकरण की जांच के निर्देश दिए थे।
लेकिन शिकायतकर्ता ने जांच में लगे अधिकारियों पर पक्षपात और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए, जिससे मामला और विवादित हो गया। तीन दिसंबर को संयुक्त कृषि निदेशक मेरठ द्वारा भेजे गए पत्र ने पूरे प्रकरण को फिर से गर्मा दिया है। पत्र में उन्होंने साफ कहा है कि निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अन्य विभागों के अधिकारियों की नई संयुक्त समिति बनाई जाए, ताकि शिकायत का सही समाधान हो सके।
अधिकारियों का मानना है कि यह घोटाला बड़ा रूप ले सकता है, इसलिए शासन भी इस पर विशेष नजर बनाए हुए है। आईजीआरएस पर इस मामले से जुड़ी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं और विभाग हर शिकायत की जांच कर रहा है।
जिला कृषि अधिकारी गौरव प्रकाश का कहना है कि जिले में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है और प्रत्येक शिकायत का सत्यापन किया जा रहा है।

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