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हापुड़। शहर की जीवनदायिनी नदियों—काली और गंगा—को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए शासन ने बड़ा कदम उठाया है। तातरपुर क्षेत्र में काली नदी के किनारे 47 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज शोधन संयंत्र (STP) की स्थापना की जाएगी। यह प्लांट चार हजार वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा और इससे प्रतिदिन छह लाख लीटर गंदे पानी को शुद्ध कर गंगा में प्रवाहित किया जाएगा।
टेंडर प्रक्रिया पूरी, अब निर्माण को तैयार विभाग
प्लांट निर्माण को लेकर पिछले तीन वर्षों से प्रक्रिया जारी थी। अब जाकर इसे तकनीकी मंजूरी मिल गई है और निर्माण कार्य के लिए गाजियाबाद की एसकेसी कंपनी को ठेका सौंपा गया है। जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और जैसे ही बारिश थमेगी, माह के अंत तक कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
बारिश बनी बाधा, भूमि की सफाई हो चुकी
जुलाई से जारी मॉनसून की रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण निर्माण कार्य की शुरुआत में बाधा उत्पन्न हुई है। हालांकि, परियोजना स्थल की भूमि की सफाई पूर्व में पूरी कर ली गई है, अब सिर्फ खुदाई और ढांचे का निर्माण शुरू होना बाकी है।
गंगा को निर्मल बनाने की दिशा में अहम पहल
इस प्लांट के जरिए औद्योगिक इकाइयों और घरेलू नालों से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट किया जाएगा, जिससे गंगा में प्रदूषित जल जाने से रोका जा सकेगा। यह परियोजना केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के उद्देश्यों से मेल खाती है।
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