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हापुड़। दस्तोई रोड पर स्थित 33 करोड़ रुपये की लागत से बने जिला अस्पताल को 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने वाली लाइन पिछले एक सप्ताह से बंद पड़ी है। इस वजह से अस्पताल में बच्चा नर्सरी, ब्लड बैंक और कोल्ड चेन जैसे महत्वपूर्ण विभागों की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। अस्पताल में दिन-रात जनरेटर चलाकर इन सेवाओं को किसी तरह चलाया जा रहा है, लेकिन यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती।
फाल्ट ठीक नहीं हो पा रहा, तीन विभागों के बीच फंसा मामला
जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल के लिए 24 घंटे बिजली आपूर्ति का स्वतंत्र फीडर बनाने की प्रक्रिया 2018 से ही चल रही थी। इसके लिए पैकफेड को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन समय पर बजट नहीं मिलने के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो पाया। हालांकि, कुछ समय पहले फीडर चालू किया गया था, लेकिन अब पिछले एक सप्ताह से यह ठप पड़ा है।
अस्पताल में बढ़ रही समस्याएं
सीएमएस डॉ. हेमलता के अनुसार, यह फाल्ट अस्पताल के ऑपरेशन और रोगियों की देखभाल पर गंभीर असर डाल रहा है। वॉर्ड्स में पंखे बंद हो जाते हैं, ओपीडी में लाइट चली जाती है, और ब्लड बैंक और नर्सरी जैसे संवेदनशील विभागों में आपूर्ति बाधित हो रही है। अस्पताल में आपातकालीन सेवाओं के लिए जनरेटर के जरिए बिजली का प्रबंध किया जा रहा है, लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं हो सकता।
विभागों के बीच जिम्मेदारी का टकराव
फाल्ट के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, क्योंकि तीन विभागों के बीच जिम्मेदारी का टकराव है। एसके अग्रवाल, जो लाइन निर्माण के प्रभारी हैं, का कहना है कि अस्पताल ने ऊर्जा निगम के हवाले लाइन कर दी थी और अब उनकी जिम्मेदारी खत्म हो चुकी है। वहीं, ऊर्जा निगम के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि लाइन की देखरेख का दायित्व 18 महीने तक संस्था का है।
डीएम को अवगत कराया, समाधान की कोशिश
इस मामले को लेकर सीएमएस डॉ. हेमलता ने डीएम को सूचित कर दिया है और अधिकारियों से इस समस्या का त्वरित समाधान करने की अपील की है।
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