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बारिश से टूटीं जिले की सड़कें, 200 किलोमीटर मार्गों की हालत खराब, नवरात्र तक गड्ढामुक्त करने के निर्देश


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर/धौलाना/कुचेसर चौपला। जिले में बीते एक महीने से रुक-रुककर हो रही बारिश ने आमजन की परेशानी बढ़ा दी है। लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, नगर पालिका और यूपीडा के अंतर्गत आने वाली करीब 200 किलोमीटर सड़कें बारिश की मार से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इन जर्जर सड़कों के कारण वाहन चालकों और राहगीरों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन ने अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नवरात्र तक सभी प्रमुख मार्गों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए हैं। विभागीय सर्वे के अनुसार, अब तक लगभग 60 लाख रुपये से अधिक का नुकसान सड़क तंत्र को हो चुका है, जबकि सर्वे अभी जारी है।



शहर से गांव तक खराब हैं रास्ते

जिन मार्गों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, उनमें डामर की काली सड़कें प्रमुख हैं। बारिश के चलते इनके ऊपर की परत जगह-जगह से उखड़ गई है। कई स्थानों पर सड़कें खाई जैसी नजर आने लगी हैं, जिससे दोपहिया वाहन चालकों को गंभीर खतरा बना हुआ है।

सीमेंटेड और टाइल वाली सड़कों की शुरू हुई मरम्मत

बारिश के बीच इंटरलॉकिंग टाइल्स और सीमेंटेड सड़कों की मरम्मत का काम तुरंत शुरू कर दिया गया है। जबकि डामर युक्त मार्गों की मरम्मत के लिए मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है। अधिकारी मानते हैं कि गीली सतह पर डामर कार्य करना व्यर्थ होगा क्योंकि टिकाऊपन नहीं रहेगा।



शासन ने सभी विभागों को दिए सख्त निर्देश

शासन की ओर से लोक निर्माण विभाग, नगर पालिका और यूपीडा को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नवरात्र तक हर हाल में प्रमुख मार्गों को दुरुस्त किया जाए। कार्य में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। इसको लेकर सर्वे रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंपने की प्रक्रिया भी चल रही है।

वाहन चालकों की बढ़ी परेशानी

जर्जर सड़कों पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं। कई स्थानों पर दोपहिया वाहन फिसलने से लोग चोटिल हो रहे हैं। व्यापारिक मार्गों के खराब होने से ट्रांसपोर्ट और आपूर्ति व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

"शासन स्तर से नवरात्र तक सभी क्षतिग्रस्त मार्गों को ठीक करने के निर्देश मिले हैं। प्राथमिकता के आधार पर कार्य आरंभ किया गया है। बारिश थमते ही डामर मार्गों की मरम्मत तेजी से की जाएगी।"

— वरिष्ठ अभियंता, लोक निर्माण विभाग