HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। गढ़ खादर के बाढ़ प्रभावित गांवों में अब बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैलने लगा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार वायरल बुखार और त्वचा संबंधी रोगों के मामले बढ़े हैं। डेंगू और मलेरिया के लक्षणों वाले 488 लोगों की जांच कराई गई, लेकिन राहत की बात यह है कि अब तक सभी मरीज वायरल फीवर से ही ग्रस्त पाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा है और गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य जांच और दवा वितरण का काम शुरू कर दिया गया है।
पानी उतरा, बीमारी बढ़ी
गंगा में बढ़े जलस्तर के चलते खादर के गांवों में पानी भर गया था। जैसे-जैसे पानी घटा, घर और गलियों में नमी व गंदगी फैल गई। यही स्थिति अब बीमारियों का कारण बन रही है। चिकित्सकों का कहना है कि सीलन व गंदगी के कारण फंगल इंफेक्शन, खुजली और स्कैबीज जैसे चर्म रोग पांव पसार रहे हैं।
हर दूसरे घर में मरीज, डोर-टू-डोर जांच अभियान शुरू
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सात बाढ़ प्रभावित गांवों में डेरा डाल दिया है। टीमें घर-घर जाकर बुखार और त्वचा रोग से ग्रस्त मरीजों की पहचान कर रही हैं। जांच में सामने आया है कि लगभग हर दूसरे घर में एक या दो सदस्य बीमार हैं।
"488 मरीजों की जांच में सभी में वायरल बुखार मिला है। लेकिन गंदगी और लगातार नमी के कारण चर्म रोग भी तेज़ी से फैल रहे हैं। गांवों में दवाएं वितरित कराई जा रही हैं।"
— स्वास्थ्य विभाग अधिकारी
डेंगू-मलेरिया से फिलहाल राहत, लेकिन खतरा बरकरार
हालांकि अब तक की गई एलाइजा जांच में डेंगू या मलेरिया की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जलजमाव और नमी बनी रही तो स्थिति बिगड़ सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
बाढ़ प्रभावित सभी गांवों में मेडिकल टीमें तैनात
दवा किट, बुखार की दवाएं व चर्म रोग की क्रीम का वितरण
जरूरत पड़ने पर मरीजों को रेफर करने की व्यवस्था
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