Ticker

6/recent/ticker-posts

Header logo

हापुड़ में वायरल बुखार का कहर, ओपीडी पहुंची 4500 के पार


HALCHAL INDIA NEWS

हर तीसरा मरीज बुखार से पीड़ित, निजी व सरकारी अस्पतालों में बढ़ा दबाव

हापुड़। जिले में वायरल फीवर का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है। बदलते मौसम और लगातार हो रही बारिश के चलते सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बुधवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 4500 से अधिक मरीज पहुंचे, जिनमें से बड़ी संख्या बुखार से पीड़ित थी।

विशेषज्ञों के अनुसार कई मरीजों में प्लेटलेट्स की गिरावट, लिवर व पाचन तंत्र पर असर जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं। वहीं, कई मामलों में डेंगू और मलेरिया की भी आशंका जताई गई है।



भर्ती होने की नौबत, मरीज बढ़ते ही जा रहे

सीएचसी के फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि—

“वायरल के लक्षण अब जटिल रूप लेते जा रहे हैं। बुखार के कारण बच्चों और बुजुर्गों में लिवर व आंतों की समस्या सामने आ रही है। ऐसे मरीजों को भर्ती करने की आवश्यकता पड़ रही है।”

उन्होंने बताया कि कुछ मरीजों के ब्लड सैंपल डेंगू व मलेरिया की जांच के लिए भेजे गए हैं।

निजी अस्पतालों में लंबा इंतजार, जनरल ओपीडी पर दबाव

* निजी अस्पतालों में मरीजों को परामर्श के लिए दो घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

* जनरल ओपीडी में पर्चा बनने के बाद भी देरी से नंबर आ रहा है।

* कई छोटे अस्पतालों और क्लीनिकों में बेड फुल हो चुके हैं।



झोलाछाप डॉक्टरों से रहें सतर्क: सीएमओ की अपील

सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी ने लोगों से अपील की कि—

“सरकारी अस्पतालों में बुखार से संबंधित सभी प्रकार की दवाएं व भर्ती की सुविधा उपलब्ध है। लोग किसी अनधिकृत व्यक्ति या झोलाछाप डॉक्टर से इलाज न कराएं, यह जानलेवा हो सकता है।”

उन्होंने यह भी बताया कि बुधवार को जिले के अस्पतालों में 4500 से अधिक मरीज पहुंचे, जिनमें सबसे अधिक संख्या बुखार पीड़ितों की रही।

संक्रमण की स्थिति एक नजर में:

स्थिति आंकड़े / जानकारी

सरकारी ओपीडी में कुल मरीज 4500+

बुखार से पीड़ित मरीज हर तीसरा व्यक्ति

आपातकालीन वार्ड में भर्ती लगभग 10% वार्ड फुल

निजी अस्पतालों में वेटिंग 2 घंटे तक

जांच के लिए भेजे गए सैंपल डेंगू और मलेरिया संदिग्ध केस

सावधानी बरतना जरूरी:

* साफ पानी पिएं

* मच्छरों से बचने के उपाय करें

* बुखार आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

* घरेलू इलाज या झोलाछापों से बचें

* बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें