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हापुड़। केंद्र सरकार की स्क्रैप पॉलिसी, जीएसटी में बदलाव और त्योहारों के सीजन में मिल रही आकर्षक छूट ने नई कारों की बिक्री को तो रफ्तार दी है, लेकिन पुरानी कारों के कारोबार पर इसका सीधा असर पड़ता दिखाई दे रहा है। डीलरों के अनुसार, पुरानी गाड़ियों की मांग में करीब 50 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
नई कारों पर भारी छूट
त्योहारों के इस सीजन में कई नामी वाहन कंपनियों ने अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए 60 हजार से एक लाख रुपये तक की छूट, एक्सचेंज बोनस और फाइनेंसिंग स्कीम्स लॉन्च की हैं। साथ ही, पुराना वाहन स्क्रैप करने पर अतिरिक्त लाभ भी मिल रहा है। इससे पहले जो ग्राहक बजट की वजह से सेकंड हैंड कारों की ओर रुख करते थे, वे अब सीधे नई गाड़ियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
पुरानी गाड़ियों के खरीदार घटे
दिल्ली रोड और आसपास के इलाकों में सेकंड हैंड कार कारोबारियों का कहना है कि पहले जहां ग्राहकों की नियमित आवाजाही बनी रहती थी, अब वहां सन्नाटा सा नजर आता है। ग्राहक आते हैं, कीमत पूछते हैं और बिना सौदा किए लौट जाते हैं।
कार डीलर शौकीन ने बताया कि जीएसटी दरों में बदलाव के बाद नई कारें किफायती हो गई हैं। ऐसे में पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर असर पड़ा है। पहले जहां हर कार पर पांच से दस हजार रुपये का लाभ होता था, अब ग्राहक उसी गाड़ी की कीमत घटाने की जिद करते हैं।
बजट ग्राहक अभी भी विकल्प तलाश रहे
वहीं सेकंड हैंड कार व्यापारी सुधीर गर्ग मानते हैं कि भले ही बाजार कमजोर हुआ हो, लेकिन पुरानी कारों की जरूरत पूरी तरह खत्म नहीं होगी। जिनके पास सीमित बजट है, वे अब भी सेकंड हैंड गाड़ियों को प्राथमिकता देंगे।
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