HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (PMAY-Urban) के अंतर्गत लाभार्थियों की पात्रता को लेकर उठे सवालों के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय के निर्देश पर अब 511 लाभार्थियों की जांच और पुनः सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जांच की जिम्मेदारी नगर निकाय क्षेत्रवार 26 विभागीय अधिकारियों को सौंपी गई है, जो हापुड़ नगर पालिका परिषद के 320 और पिलखुवा नगर पालिका के 191 लाभार्थियों की छानबीन करेंगे।
लाभ के नाम पर अपात्रों को योजना में शामिल करने का आरोप
गौरतलब है कि कुछ शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि पात्र होने के बावजूद उन्हें योजना से वंचित कर दिया गया, जबकि कुछ अपात्र लोगों को लाभार्थी बना दिया गया। यह भी कहा गया कि योजना में पारदर्शिता की कमी है और चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है।
इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने स्वतंत्र जांच समिति के तौर पर अलग-अलग अधिकारियों को लाभार्थियों की सूची के साथ जिम्मेदारी सौंपी है।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
अधिकारियों को लाभार्थियों की पात्रता की जांच इन मुख्य मापदंडों के आधार पर करनी होगी:
* लाभार्थी के पास देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए
* EWS (अत्यंत कमजोर वर्ग) के लिए आय सीमा: अधिकतम ₹3 लाख सालाना
* परिवार में केवल पति-पत्नी और अविवाहित संतान को ही लाभार्थी माना जाएगा
* किसी अन्य सरकारी आवास योजना का पूर्व लाभ प्राप्त न किया हो
* आवेदन के साथ लगाए गए दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि
150 लाभार्थियों की जांच हो चुकी, नहीं मिला कोई अपात्र
इस संबंध में जानकारी देते हुए सीएलटीसी प्रभारी सरोज पाठक ने बताया कि
“हापुड़ नगर क्षेत्र के 150 लाभार्थियों की जांच की जा चुकी है। अब तक कोई भी लाभार्थी अपात्र नहीं पाया गया है। पिलखुवा क्षेत्र में जांच जारी है। प्रशासन पारदर्शी तरीके से पात्रों को ही योजना का लाभ दिला रहा है।”
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना क्या है?
यह योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसके अंतर्गत शहरी गरीब परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। पात्र लाभार्थियों को ढाई लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है, जो कि डूडा (DUDA) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में जाती है।
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