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हापुड़। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए गाजियाबाद के एक निजी कोचिंग संस्थान को फीस लौटाने का निर्देश दिया है। साथ ही संस्थान को मानसिक क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच हजार रुपये अतिरिक्त भुगतान करने को भी कहा गया है।
👨⚖️ क्या है मामला?
नगर के राजेंद्र नगर निवासी वरुण भसीन ने आयोग में दाखिल याचिका में बताया कि उन्होंने अपने पुत्र दक्ष भसीन का दाखिला गाजियाबाद के एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में कराया था, जहां दो वर्षीय कोर्स के लिए ₹3.33 लाख से अधिक की फीस तय की गई थी।
दिनांक 28 दिसंबर 2023 को वरुण भसीन ने ₹3.05 लाख की राशि चेक द्वारा जमा की थी। कोर्स शुरू होने के बाद उनके पुत्र ने लगभग 9 महीने तक कोचिंग ली, लेकिन इसके बाद संस्थान ने बिना किसी पूर्व सूचना के संचालन बंद कर दिया।
📞 रिफंड के अनुरोध को किया गया खारिज
कोचिंग बंद होने के बाद अभिभावक ने संस्थान से बकाया राशि लौटाने की मांग की, लेकिन संस्थान प्रबंधन ने साफ मना कर दिया। इस पर उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
⚖️ आयोग का फैसला
मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष प्रवीन कुमार जैन, सामान्य सदस्य राजीव कुमार सिंह और महिला सदस्य संतोष रावत की पीठ ने इस प्रकरण में एकपक्षीय सुनवाई करते हुए अभिभावक की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार किया।
आयोग ने आदेश दिया कि:
* कोचिंग संस्थान ₹1,72,622 की राशि 45 दिन के भीतर लौटाए
* साथ ही ₹5,000 मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय के रूप में अदा किए जाएं
प्रमुख बिंदु
* 2 वर्षीय कोर्स के लिए फीस ली गई थी ₹3.33 लाख
* 9 माह बाद कोचिंग सेंटर ने अचानक बंद कर दिया संचालन
* संस्थान ने रिफंड से किया इनकार
* आयोग ने एकपक्षीय सुनवाई में पीड़ित के पक्ष में सुनाया फैसला
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