Ticker

6/recent/ticker-posts

Header logo

पल्लेदारों की हड़ताल से थमी शीतगृहों की रफ्तार, मजदूरी बढ़ाने की मांग पर अड़े


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़। शहर के शीतगृहों में काम करने वाले पल्लेदारों ने मजदूरी दरों में वृद्धि की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को कामकाज ठप कर हड़ताल का ऐलान किया। पल्लेदारों का कहना है कि बीते तीन वर्षों से न तो छंटाई की मजदूरी बढ़ी है और न ही ढुलाई का मेहनताना। ऐसे में लगातार बढ़ती महंगाई के बीच काम करना संभव नहीं है।



तीन साल से अटकी मजदूरी, अब आर-पार का मूड

आलू पल्लेदार वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े श्रमिकों ने बताया कि

* वर्तमान में छंटाई मजदूरी ₹200 प्रतिदिन दी जा रही है,

* जबकि ढुलाई पर ₹8 प्रति कट्टा भुगतान मिल रहा है।

पल्लेदारों का कहना है कि दिनभर की कड़ी मेहनत के बावजूद मजदूरी में कोई इजाफा नहीं किया गया, जबकि खर्चे लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

मांगें क्या हैं?

श्रम कार्य वर्तमान दर मांग की गई नई दर

छंटाई मजदूरी ₹200 प्रतिदिन ₹250 प्रतिदिन

ढुलाई शुल्क ₹8 प्रति कट्टा ₹10 प्रति कट्टा

एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह ने कहा कि

“हमने कई बार मजदूरी बढ़ाने की बात रखी, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। अब जब तक मांगें नहीं मानी जातीं, हड़ताल जारी रहेगी।”



शीतगृहों में ठप हुआ कार्य, किसान चिंतित

हड़ताल के चलते जिले के शीतगृहों में आलू की छंटाई और बाहर निकासी का कार्य पूरी तरह रुक गया है।

* पहले से ही बाजार में आलू के भाव कम चल रहे हैं,

* ऊपर से हड़ताल ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है।

वर्तमान में शीतगृहों में लगभग 70 फीसदी से अधिक भंडारण है, और जल्द ही नई आलू फसल मंडियों में आने लगेगी। ऐसे में यदि हड़ताल लंबी चली, तो भंडारण क्षमता और विपणन दोनों पर असर पड़ सकता है।

ये रहे हड़ताल में शामिल प्रमुख पल्लेदार

हड़ताल में धर्मवीर सिंह के अलावा दिनेश, इमरान ठेकेदार, रामफल, गुलफाम, छोटू, ऋषिपाल और इस्लाम समेत बड़ी संख्या में मजदूर शामिल रहे।



निष्कर्ष:

मजदूरी बढ़ोतरी को लेकर शुरू हुई यह हड़ताल अगर जल्द नहीं सुलझी, तो इसका असर कोल्ड स्टोरेज कारोबार के साथ-साथ किसानों की आय पर भी पड़ेगा। अब निगाहें पालिका और संबंधित प्रबंधनों की ओर हैं कि वे कब तक समाधान निकालते हैं।





Post a Comment

0 Comments