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हापुड़। थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र की एक किशोरी से छेड़छाड़ के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उस पर ₹5,000 का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न चुकाने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त एक माह की सजा भुगतनी होगी।
जागरण से लौटते समय किशोरी को बनाया था निशाना
प्रकरण नवंबर 2020 का है। बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 13 वर्षीय बेटी एक इंटर कॉलेज में पढ़ती है।
30 नवंबर की रात वह एक धार्मिक जागरण से घर लौट रही थी।
रास्ते में मोहल्ले के ही युवक उमेश ने उसे पीछे से पकड़ लिया।
विरोध करने पर आरोपी ने किशोरी को थप्पड़ मारा।
परिजनों का कहना था कि आरोपी स्कूल आते-जाते भी किशोरी का पीछा करता था। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
साक्ष्य मजबूत, आरोपी दोषी करार
प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत में हुई।
अभियोजन पक्ष ने गवाहों और सबूतों के माध्यम से आरोपी पर लगे आरोपों को साबित किया।
अदालत ने उमेश को दोषी मानते हुए तीन साल का सश्रम कारावास और ₹5,000 जुर्माने की सजा सुनाई।
यदि जुर्माना अदा नहीं किया गया तो आरोपी को अतिरिक्त एक माह की कैद भी भुगतनी होगी।
पीड़िता को मिलेगा आर्थिक सहयोग
न्यायालय ने पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत पीड़िता को ₹25,000 की पुनर्वास सहायता राशि देने का आदेश दिया है। यह राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हापुड़ द्वारा दी जाएगी।
मुख्य तथ्य एक नजर में:
बिंदु विवरण
घटना की तिथि 30 नवंबर 2020
आरोपी का नाम उमेश
पीड़िता की उम्र 13 वर्ष
क्षेत्र थाना बहादुरगढ़
सजा 3 वर्ष सश्रम कारावास + ₹5,000 जुर्माना
अतिरिक्त सजा जुर्माना न देने पर 1 माह अतिरिक्त जेल
पीड़िता को सहायता ₹25,000 (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से)
निष्कर्ष
अदालत का यह फैसला नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रति सख्त संदेश है। त्वरित न्याय से पीड़ित परिवार को राहत मिली है, वहीं यह समाज को यह भी बताता है कि कानून से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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