HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। जिले की सड़कें बदहाली का शिकार हैं। जगह-जगह गहरे गड्ढे, उखड़ी परतें और अधूरी सड़कों ने लोगों की राहें मुश्किल कर दी हैं। वाहन चालकों को हर दिन हिचकोले खाते हुए सफर करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि नई सड़क निर्माण में भी हापुड़ जिले की प्रगति बेहद धीमी रही है।
सीएम डैशबोर्ड की अगस्त रैंकिंग में हापुड़ प्रदेश में 75वें स्थान पर आ गया है।
लक्ष्य से बहुत पीछे लोक निर्माण विभाग
लोक निर्माण विभाग को वर्ष 2024-25 में कुल 14 सड़कों के निर्माण का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन सितंबर की शुरुआत तक सिर्फ 9 सड़कों का निर्माण ही हो पाया है। विभाग को 52.41 करोड़ रुपये की लागत से 42.05 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण करना था, मगर अब तक महज 23.67 किलोमीटर सड़कें ही बनी हैं, जिस पर करीब 14.04 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
बारिश बनी देरी का कारण, पर सवाल कार्यशैली पर भी
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जुलाई और अगस्त की बारिश के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं।जुलाई में जिले की स्थिति प्रदेश में 66वें स्थान पर थी, जबकि अगस्त में हालात और बिगड़ते हुए हापुड़ प्रदेश में अंतिम (75वें) पायदान पर पहुंच गया।
अगस्त माह में सड़क निर्माण के प्रदर्शन पर जिले को शून्य अंक मिले, जिससे विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
दो योजनाओं को नहीं मिला बजट
अधिशासी अभियंता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि,
“पोर्टल पर केवल पूर्ण निर्माण कार्य ही अपडेट किए जाते हैं, जिससे आंकड़ों में अंतर दिख रहा है। दो सड़कों के लिए बजट भी अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है। हालांकि बारिश रुकने के बाद कार्यों में तेजी लाई जा रही है।”
जनता की मुश्किलें बढ़ीं
टूटी-फूटी और जलभराव वाली सड़कों के कारण स्कूली बच्चों, मरीजों, व्यापारियों और आम नागरिकों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रमुख मार्गों से लेकर ग्रामीण संपर्क मार्गों तक की हालत जर्जर है।
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