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हापुड़। गन्ना भुगतान में हो रही देरी और व्यवस्थागत असहजताओं से चिंतित श्यामपुर गांव के किसानों ने इस बार अपनी फसल मेरठ स्थित नंगलामल चीनी मिल को देने की मांग की है। किसानों ने समिति के सचिव को ज्ञापन देकर कहा है कि वे मोदीनगर मिल के बजाय नंगलामल मिल के साथ जुड़ना चाहते हैं क्योंकि उन्हें वहां भुगतान व उठान की बेहतर सुविधा मिलती है।
किसानों का रुझान मेरठ की ओर बढ़ा
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्षों में मिलने वाले लेन‑देन और भुगतान के अनुभव के कारण वे नंगलामल मिल को प्राथमिकता दे रहे हैं। श्यामपुर पहले मोदीनगर मिल से जुड़ा हुआ था, लेकिन इस बार किसान नंगलामल मिल को ही अपना केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
विधायक ने भी हस्तक्षेप किया
मुद्दे को संजीदगी से लेते हुए सदर विधायक विजयपाल आढ़ती ने भी गन्ना आयुक्त को पत्र लिखकर किसानों की मांग उठाई है। केंद्र निर्धारण की अंतिम मंजूरी गन्ना आयुक्त के पास होगी और इस प्रक्रिया में अनुमानित तौर पर करीब 20 दिन लग सकते हैं, बताया जा रहा है।
मिलों पर बकाया 200 करोड़ से अधिक
जिले की चीनी मिलों पर किसानों का कुल बकाया 200 करोड़ रुपये से अधिक बताया जाता है। विभागीय रफ्तार धीमी रहने की वजह से हर महीने लगभग 50 करोड़ ही भुगतान हो पा रहा है। इस दर से पुराने सत्र के बकायों का निपटान करने में कई माह लग सकते हैं, जिससे किसानों में असंतोष बढ़ा है।
श्यामपुर के प्रतिनिधि और उनकी बात
शिविर में मौजूद किसानों—नरेंद्र सिंह, ओमपाल सिंह, पुष्पेंद्र, मुकेश, भगीरथी, सोनू, धनीराम, किरण सिंह, विद्यावती, संदीप, अनुज, राजकुमार, नवीन सिवाल, सैंसरपाल व जयविंदर सिंह—ने कहा कि नंगलामल मिल की भुगतान व्यवस्था और गन्ना उठान से वे संतुष्ट हैं, इसलिए उनका गांव उसी मिल के साथ जुड़ना चाहिए।
विभाग की प्रतिक्रिया
जिला गन्ना अधिकारी बीके पटेल ने कहा कि किसानों के प्रार्थना पत्रों को संकलित कर गन्ना आयुक्त कार्यालय को भेजा जाएगा। अंतिम फैसला आयुक्त कार्यालय द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि केंद्र निर्धारण प्रक्रिया नियमानुसार पूरी की जाएगी।
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