Ticker

6/recent/ticker-posts

Header logo

बाबूगढ़ का सीमन उत्पादन केंद्र फिर होगा सक्रिय, विशेष सचिव ने दिए निर्देश


HALCHAL INDIA NEWS

लैब और ब्रीडिंग बुल सेंटर का किया निरीक्षण, उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर दिया जोर

बाबूगढ़ (हापुड़)। पशुधन विकास की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बाबूगढ़ स्थित अति-हिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र को पुनः सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय ने केंद्र का निरीक्षण कर वहां की स्थिति की समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान यह जानकारी सामने आई कि बछिया वीर्य उत्पादन केंद्र (Sexed Semen Lab) पिछले कुछ समय से बंद पड़ा है। इस पर विशेष सचिव ने नाराज़गी जताते हुए इसे दोबारा शुरू करने के आदेश अधिकारियों को दिए।



उत्पादन में होगा सुधार, ब्रीडिंग बुल को मिलेगा संतुलित आहार

निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि:

* वीर्य उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि की जाए।

* ब्रीडिंग बुल्स (नर पशु) को संतुलित और पोषणयुक्त आहार दिया जाए ताकि उनकी उत्पादन क्षमता में इजाफा हो सके।

* वर्गीकृत वीर्य (sexed semen) उत्पादन को फिर से शुरू किया जाए, जिससे उच्च गुणवत्ता की बछियों का जन्म हो और किसानों को अधिक लाभ मिल सके।

उन्होंने अधिकारियों को आश्वस्त किया कि इस कार्य के लिए जो भी तकनीकी या संसाधन संबंधी सहायता आवश्यक होगी, उसे समय पर उपलब्ध कराया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान मौजूद रहे अधिकारी

विशेष सचिव के साथ निरीक्षण के समय कई वरिष्ठ अधिकारी और विभागीय प्रतिनिधि मौजूद रहे:

* एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह

* डॉ. योगेंद्र सिंह पवार, निदेशक प्रशासन

* डॉ. मेमपाल सिंह, अपर निदेशक

* डॉ. मानव, अपर निदेशक

* डॉ. ओपी मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ)

* डॉ. संजीव कुमार, पशु चिकित्सा अधिकारी

इन सभी ने केंद्र की वर्तमान स्थिति और जरूरतों से संबंधित जानकारी साझा की।



क्या है अति-हिमीकृत वीर्य केंद्र?

बाबूगढ़ का यह केंद्र राज्य सरकार द्वारा संचालित एक विशेष प्रयोगशाला है, जहां उन्नत नस्लों के पशुओं से वीर्य लेकर उसे -196 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित किया जाता है। इस वीर्य का उपयोग प्रदेशभर में कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रमों में किया जाता है ताकि पशुधन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।

सरकार का फोकस — "दुग्ध उत्पादन बढ़ाना और किसानों को लाभ पहुंचाना"

विशेष सचिव ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि प्रजनन प्रणाली को तकनीकी रूप से उन्नत बनाकर किसानों को ज्यादा और बेहतर दूध देने वाले पशु उपलब्ध कराए जा सकें। इसके लिए केंद्र की भूमिका अहम होगी।