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गढ़मुक्तेश्वर/हापुड़। जिले में बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बुधवार को दो अलग-अलग गांवों में बारिश के कारण दो कच्चे मकानों की छतें ढह गईं। गनीमत यह रही कि हादसों के समय घरों में मौजूद लोग समय रहते बाहर निकल गए, जिससे किसी की जान नहीं गई।
बहादुरगढ़ में मलबे में दबा घरेलू सामान
गांव बहादुरगढ़ में रहने वाले लताफत का मकान काफी पुराना और कच्चा था। मंगलवार रात की बारिश के बाद बुधवार सुबह मकान की छत अचानक गिर गई। उस समय घर में उनकी पत्नी और बच्चे मौजूद थे, लेकिन छत गिरने से पहले ही वे कमरे से बाहर निकल आए, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
हालांकि, घरेलू सामान, चारपाई, बर्तन और खाने-पीने की सामग्री मलबे में दब गई। सूचना मिलने पर एसडीएम श्रीराम यादव के निर्देश पर तहसीलदार राहुल कुमार राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे और नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट तैयार की। ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है।
होशियारपुर गढ़ी में भी ढहा कच्चा मकान
एक अन्य मामला बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के होशियारपुर गढ़ी गांव का है, जहां शौकीन नामक व्यक्ति का मकान बारिश से कमजोर हो गया था। बुधवार सुबह अचानक छत के साथ-साथ दीवारें भी गिर गईं।
उस वक्त मकान में रहने वाले शौकीन के परिजन बाहर थे, जिससे किसी को चोट नहीं आई। शौकीन हरियाणा में मजदूरी करता है, जबकि उसका परिवार गांव में रहता है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया।
प्रशासन ने शुरू की राहत प्रक्रिया
गढ़ के उपजिलाधिकारी श्रीराम सिंह ने बताया कि दोनों घटनाओं की जांच के लिए राजस्व विभाग की टीमों को भेजा गया है। रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दिलाने का भरोसा दिया गया है।
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