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हापुड़। जिले में विजिलेंस और ऊर्जा निगम की टीमों द्वारा सुबह‑सुबह घरों में छापेमारी निकालने के विरोध के बाद जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तड़के चार बजे से पहले किसी भी प्रकार की मॉर्निंग रेड नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने ऊर्जा निगम से पिछले छह माह में की गई जांच‑छापों, जारी किए गए नोटिस और राजस्व वसूली का पूरा लेखा‑जोखा तलब किया है।
यह फैसला उन शिकायतों के बाद आया है जिनका मंच किसानों के कार्यक्रम में उठाया गया। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष पवन हूण और राजेंद्र प्रधान ने किसान दिवस के अवसर पर कहा कि कई बार विद्युत चेकिंग के नाम पर स्थानीय लोगों के घरों में सुबह‑सुबह घुसा जाता है, जिससे महिलाओं की गरिमा प्रभावित होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि छापों के दौरान जो लोग "सुविधा शुल्क" देते हैं उनका नाम रिपोर्ट से हटा दिया जाता है और कुछ मामलों में भारी नोटिस (डेढ़ लाख रुपये तक) छोटे भुगतान पर निपटा दिए जाते हैं।
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि विजिलेंस अधिकारी ग्रामीणों को बाद में कार्यालय बुलाकर अवैध वसूली करते हैं। इन आरोपों पर जिलाधिकारी ने ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंताओं से विस्तृत जानकारी तलब की और कहा कि यदि नोटिस और वसूली के आंकड़ों में असंगति पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीएम अभिषेक पांडेय ने कहा कि प्रशासन संवेदनशीलता के साथ कदम उठाएगा और जनता की निजता का सम्मान होगा। उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि पिछले छह माह की रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया जाए कि छापे किस आधार पर किए गए तथा कितनी राशि राजस्व खाते में जमा हुई।
किसान दिवस में पांचीं के चेतन त्यागी ने भी इस प्रकार की छापेमारी पर आपत्ति जताई थी, जिसे डीएम ने संज्ञान में लिया। बिजली विभाग ने अभी तक सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है; विभागीय रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
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