HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़:
ठंड के मौसम में लोग पानी कम पीते हैं, लेकिन यही लापरवाही अब सेहत पर असर डाल रही है। स्थानीय सरकारी अस्पतालों में इन दिनों डिहाइड्रेशन और किडनी संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
अस्पताल में किए जा रहे किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) में कई मरीजों की रिपोर्ट सामान्य नहीं आ रही। डॉक्टर ऐसे मरीजों को दवाओं के साथ-साथ ज्यादा पानी पीने की सलाह दे रहे हैं।
ठंड में पानी कम पीना पड़ रहा भारी
सीएचसी के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अशरफ अली का कहना है कि ठंड में प्यास कम लगने के कारण लोग पानी नहीं पीते, जिससे शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है। यह स्थिति डिहाइड्रेशन का रूप ले लेती है।
उन्होंने बताया कि जब शरीर में लगभग 30 प्रतिशत तक पानी कम हो जाता है, तो किडनी पर दबाव बढ़ जाता है। इससे पेशाब गाढ़ा हो जाता है और उसमें मौजूद लवण जमा होने लगते हैं, जो समय के साथ किडनी स्टोन (पथरी) का रूप ले लेते हैं।
महिलाओं और बुजुर्गों पर ज्यादा असर
डॉ. अली ने बताया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की संभावना अधिक रहती है।
उन्होंने यह भी बताया कि हाल के कुछ दिनों में पथरी के मरीजों की संख्या में करीब 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साथ ही, उम्रदराज पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्या भी देखने को मिल रही है।
डॉक्टरों की सलाह
चिकित्सकों का कहना है कि ठंड में भी शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत होती है।
उन्होंने सुझाव दिया कि लोग दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी या तरल पदार्थ लें।
अगर पेशाब का रंग गाढ़ा हो या थकान महसूस हो रही हो, तो यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है और ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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