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हापुड़ में मलेरिया से ठीक हुए मरीजों की दोबारा जांच शुरू


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़ जिले में मलेरिया और डेंगू के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है। विभाग अब उन मरीजों की दोबारा जांच कराएगा, जो मलेरिया से ठीक हो चुके हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीज के शरीर में बीमारी फैलाने वाले कीटाणु (पैरासाइट) पूरी तरह खत्म हो गए हैं या नहीं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील त्यागी ने बताया कि इस वर्ष जिले में डेंगू और मलेरिया के मामले पिछले साल की तुलना में कम हैं। अब तक डेंगू के 40 और मलेरिया के 12 मरीज सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि रात का तापमान कम होने से मच्छरों की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, लेकिन दिन में धूप के कारण लार्वा को पनपने का मौका मिल रहा है। जैसे ही दिन का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाएगा, मच्छरों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आएगी।

डॉ. त्यागी ने बताया कि मलेरिया के दो प्रकार — विवैक्स और फेल्सीपेरम — पाए जाते हैं। विवैक्स मलेरिया का इलाज 14 दिन और फेल्सीपेरम का इलाज 5 दिन तक चलता है। कई मरीज राहत मिलने पर दवा बीच में ही छोड़ देते हैं, जिससे शरीर में पैरासाइट निष्क्रिय अवस्था में रह जाता है और बाद में फिर सक्रिय होकर बीमारी को लौटाता है। यही कारण है कि अब स्वस्थ दिखाई देने वाले मरीजों की फॉलो-अप जांच कराई जाएगी ताकि संक्रमण को पूरी तरह खत्म किया जा सके।

उन्होंने यह भी बताया कि मौसम में लगातार बदलाव और बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायरल बुखार, सांस और फेफड़ों के संक्रमण के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाएं और डॉक्टर की सलाह के बिना दवा बंद न करें।