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पिलखुवा। जीएसटी में पंजीकृत चार स्क्रैप कंपनियों ने केवल कागजों में व्यापार दिखाकर कुल 10.59 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हड़प ली। राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त जयप्रकाश ने चारों कंपनी संचालकों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
जांच में पता चला कि कंपनियों का वास्तविक व्यापार अस्तित्व में नहीं था और स्टॉक भी मौजूद नहीं था। केवल बिलों के माध्यम से फर्जी कारोबार किया गया।
प्रमुख मामले:
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किंग एंटरप्राइजेज – शादाब मलिक ने 2017 में पंजीकरण कराया। जांच में 2018-19 में 30,98,024 रुपये और 2019-20 में 12,66,989 रुपये का फर्जीवाड़ा पाया गया।
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स्काई ट्रेडिंग – शहजाद ने 2017 में पंजीकरण कराया। व्यापार स्थल पर स्टॉक नगण्य था। फर्जीवाड़ा: 2017-18 में 64,14,316 रुपये, 2018-19 में 5,08,15,014 रुपये और 2019-20 में 1,31,24,086 रुपये।
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एसएफ ट्रेडर्स – फरमान ने 2017 में पंजीकरण कराया। जांच में 2018-19 में 48,81,960 रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया।
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इशांत स्टील – कपिल शर्मा के नाम पंजीकृत। 2017-18 में 2,63,49,192 रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ।
सीओ अनीता चौहान ने बताया कि चारों आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और उनकी तलाश जारी है।


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