Ticker

6/recent/ticker-posts

Header logo

जिले के 38 हजार से अधिक खाताधारक डिफॉल्टर, बैंकों का ₹530 करोड़ से ज्यादा बकाया


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़: जिले के हजारों खाताधारक बैंकों के लिए परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं। बैंकों से कर्ज लेने के बाद समय पर भुगतान न करने वाले ऐसे 38,000 से अधिक खातों को अब एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) की श्रेणी में डाल दिया गया है। इन खातों पर कुल ₹530.65 करोड़ की राशि बकाया है, जिसे लेकर अब बैंकों ने सख्त रवैया अपनाया है।



सबसे ज्यादा बकाया किसानों पर

बैंकों के मुताबिक जिले में कृषि क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 20,251 खातों पर करीब ₹353.85 करोड़ का ऋण बकाया है। इनमें ज्यादातर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत कर्ज लिया गया था। बैंकों का कहना है कि कम ब्याज दरों के बावजूद भी बड़ी संख्या में किसान भुगतान नहीं कर रहे हैं।

एमएसएमई और व्यापारिक वर्ग भी पीछे नहीं

एमएसएमई सेक्टर के 10,075 खाताधारकों पर करीब ₹105.63 करोड़, जबकि बड़े उद्योगपतियों के खातों पर भी लगभग ₹54 करोड़ की बकाया राशि दर्ज है। इसके अलावा अन्य व्यक्तिगत ऋण खातों को भी बैंकों ने एनपीए घोषित किया है।



बैंकों ने शुरू की वसूली की कार्रवाई

लगातार नोटिस भेजने और समय दिए जाने के बाद भी जब खाताधारकों ने ऋण नहीं चुकाया, तो बैंकों ने वसूली प्रक्रिया तेज कर दी है। संबंधित खातों पर:

* आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी की जा चुकी है।

* मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।

* संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

कुछ मामलों में जिलाधिकारी न्यायालय में वाद दायर किए गए हैं, ताकि प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई संभव हो सके।

बैंकों की सख्त चेतावनी

लीड बैंक प्रबंधक राजीव गुप्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि,

"जिन खातों को एनपीए घोषित किया गया है, उनके खिलाफ सभी बैंक अपने-अपने स्तर पर सख्त कदम उठा रहे हैं। वसूली के लिए नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है।"



जेल भी जा सकते हैं डिफॉल्टर

बैंक अधिकारियों का कहना है कि यदि ऋणधारक समय रहते भुगतान नहीं करते हैं, तो न सिर्फ उनकी संपत्तियां नीलाम होंगी, बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें कानूनी हिरासत में भी लिया जा सकता है।