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इस बार 551 हेक्टेयर बढ़ा रकबा, नई प्रजातियों से बेहतर उत्पादन की उम्मीद
हापुड़। जिले में गन्ना किसानों के लिए इस बार राहत भरी खबर है। चार साल तक रकबे में गिरावट झेलने के बाद अब लगातार दूसरे साल गन्ने की खेती में इज़ाफा हुआ है। गन्ना विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में इस साल जिले में 551 हेक्टेयर अधिक क्षेत्रफल में गन्ना बोया गया है। विभाग का दावा है कि अगर मौसम अनुकूल रहा, तो इस बार उत्पादन में भी बढ़ोतरी तय है।
अक्तूबर के अंत तक मिलों के संचालन की संभावना
जिले की दोनों चीनी मिलों को अक्तूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर के पहले सप्ताह में चालू किए जाने की तैयारी है। किसान चाहते हैं कि पेराई समय से शुरू हो, ताकि उन्हें मंडी पर निर्भर न रहना पड़े और फसल की उचित कीमत मिल सके।
को-0238 के स्थान पर आईं नई किस्में
पिछले साल जिले में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली प्रजाति को-0238 में बीमारी फैल गई थी, जिससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसके बाद किसानों ने इस बार रुझान बदला है और चार नई किस्मों को अपनाया है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में को-0238 में फिर से रोग के लक्षण देखे गए हैं, लेकिन विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है।
भुगतान को लेकर किसान असमंजस में
गन्ना उत्पादन को लेकर भले ही किसान उत्साहित हैं, लेकिन भुगतान व्यवस्था को लेकर संशय बना हुआ है। जिले की दोनों चीनी मिलें निजी स्वामित्व से बाहर हो चुकी हैं, और उनके खिलाफ मामले एनसीएलटी व हाईकोर्ट में लंबित हैं। आईआरपी (इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया) के तहत प्रबंधन चल रहा है, लेकिन किसानों का कहना है कि इससे भुगतान और अधिक उलझ गया है।
इस साल इतना है कुल गन्ना रकबा
गन्ना विभाग के मुताबिक, इस बार जिले में कुल 39,847 हेक्टेयर भूमि में गन्ने की खेती हुई है।
* 19,069 हेक्टेयर में पौधा गन्ना
* और 20,771 हेक्टेयर में पेड़ी गन्ना बोया गया है।
जिला गन्ना अधिकारी का बयान
"गन्ना सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। इस साल रकबे में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे अच्छे उत्पादन की संभावना है।"
— बीके पटेल, जिला गन्ना अधिकारी
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