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बदलती जीवनशैली से बढ़ रहे रोग, आयुर्वेद से मिल रहा राहत का मार्ग


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़। अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खानपान के चलते आजकल गुदा रोगों से लेकर त्वचा संबंधी समस्याएं तक तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ऐसे कई असाध्य रोगों में राहत देने में सफल रही है। आयुर्वेदाचार्य वैद्य धनवंतरि त्यागी का कहना है कि यदि व्यक्ति आयुर्वेद की मूल अवधारणाओं को अपनाए, तो अनेक जटिल बीमारियों से बचाव और उपचार दोनों संभव हैं।

उन्होंने बताया कि उनके संस्थान में आने वाले मरीजों को सामाजिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बांटकर गहराई से अध्ययन किया गया। इस दौरान यह रोचक तथ्य सामने आया कि मेहनत करने वाले गरीब तबके के लोगों में पोषण संबंधी संतुलन अपेक्षाकृत बेहतर पाया गया, जबकि आधुनिक सुख-सुविधाओं से युक्त वर्ग के मरीजों में विटामिन व खनिज की कमी अधिक देखी गई।



आयुर्वेदिक जीवनशैली में छिपा है आरोग्य का सूत्र

वैद्य त्यागी ने जोर देकर कहा कि आयुर्वेद में दिनचर्या (प्रत्येक दिन का नियमबद्ध जीवन) और ऋतुचर्या (मौसम के अनुसार आहार-विहार) को अत्यधिक महत्व दिया गया है। समय पर सोना और उठना, संयमित आहार लेना, नियमित व्यायाम, मानसिक स्थिरता और प्राकृतिक नियमों का पालन — यही आयुर्वेद के मूल स्तंभ हैं।

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल रोगों का इलाज नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन पद्धति है, जो शरीर, मन और आत्मा — तीनों को संतुलन में रखने पर बल देता है।

"यदि व्यक्ति प्रकृति के नियमों के अनुरूप जीवन जीए, तो न केवल रोगों से बचाव संभव है बल्कि समग्र स्वास्थ्य भी प्राप्त किया जा सकता है," उन्होंने कहा।