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ब्रजघाट । उत्तराखंड में भारी वर्षा और देहरादून क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ब्रजघाट गंगा तट पर जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़कर 198.53 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे खादर क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ की आशंका से लोग चिंतित हैं।
बुधवार को एसडीएम श्रीराम यादव ने बाढ़ संभावित गांवों का स्थलीय निरीक्षण किया और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे गहरे जलक्षेत्रों से दूर रहें और बच्चों व पशुओं को भी वहां न जाने दें।
इन गांवों में बढ़ी सतर्कता
गंगा का जलस्तर बढ़ने से गड़ावली, नयाबांस, चक लठीरा, आरकपुर, बख्तावरपुर, शाकरपुर, इनायतपुर और न्यामतपुर जैसे खादर क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों के मुताबिक, निचले इलाकों में पानी भरने से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हो रहा है।
फसल और चारे पर मंडरा रहा संकट
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह सोलंकी ने बताया कि निचले जंगलों और खेतों में जलभराव के कारण पशुओं के चारे की व्यवस्था मुश्किल होती जा रही है, और किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
जल आयोग ने दी जानकारी
केंद्रीय जल आयोग के गेज रीडर आबाद आलम ने जानकारी दी कि जलस्तर में वृद्धि का कारण उत्तराखंड की वर्षा और बिजनौर बैराज से पानी छोड़ा जाना है। हालांकि, अभी स्थिति नियंत्रण में है लेकिन सतर्कता जरूरी है।
प्रशासन की तैयारी
एसडीएम ने बताया कि खादर क्षेत्र के निवासियों को राहत पहुंचाने के लिए चारा, नाव, और अन्य जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। ग्रामीणों से लगातार संपर्क में रहने और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को तत्काल सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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