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हापुड़। जिले के सरकारी अस्पतालों में कमर और जोड़ों के दर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि अब 30 साल से कम उम्र के युवक और युवतियां भी हड्डी से जुड़ी गंभीर समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, ऐसे लगभग 80 प्रतिशत मरीजों में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी पाई जा रही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में लोग धूप से दूरी बना चुके हैं। जबकि विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत प्राकृतिक धूप है। यही कारण है कि अब शरीर में इस जरूरी विटामिन की कमी तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों में अधिकतर महिलाएं कमर दर्द की शिकायत लेकर आ रही हैं, जबकि बुजुर्गों में घुटनों का दर्द आम होता जा रहा है। एक्सरे जांच में यह देखने को मिल रहा है कि कई मरीजों की हड्डियों की सफेदी कम हो गई है और हड्डियां काली दिखने लगी हैं, जो कैल्शियम की कमी का संकेत है।
डॉ. अशरफ के अनुसार, विटामिन डी की कमी के चलते युवाओं की हड्डियां भी कमजोर हो रही हैं और उन्हें लगातार दर्द की समस्या बनी रहती है। खासतौर पर वे युवा जो दिनभर घर या दफ्तर में रहते हैं और संतुलित आहार नहीं लेते, वे तेजी से इस परेशानी की चपेट में आ रहे हैं।
जरूरत है जीवनशैली में बदलाव की
डॉ. अशरफ ने सुझाव दिया कि सभी लोगों को रोजाना कम से कम 20 से 30 मिनट धूप में रहना चाहिए। साथ ही दूध, हरी सब्जियां, सूखे मेवे और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी और कैल्शियम की दवाएं भी ली जा सकती हैं।
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