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मेरठ-गढ़ 709ए राष्ट्रीय राजमार्ग पर अधूरा निर्माण बना मुसीबत, बारिश में हालात हुए और बदतर
हापुड़। मेरठ से गढ़मुक्तेश्वर को जोड़ने वाला 709ए राष्ट्रीय राजमार्ग इन दिनों लोगों के लिए राह नहीं, मुसीबत बन चुका है। चौड़ीकरण कार्य अधर में लटकने और बारिश से सड़क की हालत इस कदर बिगड़ चुकी है कि हाईवे पर सफर करने वाले रोजाना हादसों के शिकार हो रहे हैं।
जगह-जगह बने दो फीट तक गहरे गड्ढे, तेज रफ्तार वाहनों के लिए किसी जाल से कम नहीं हैं। आए दिन गाड़ियों के पलटने और बाइक सवारों के फिसलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बावजूद इसके, अब तक मरम्मत का कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया है।
काम अधूरा, ठेका रद्द, मामला कोर्ट में अटका
मेरठ से गढ़ तक करीब 47 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग के निर्माण का कार्य वर्ष 2021 में शुरू किया गया था। निर्माण एजेंसी को दो साल में काम पूरा करना था, लेकिन तीन साल में भी केवल 48 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका।
लापरवाही को देखते हुए एनएचएआई ने टाटा कंपनी का अनुबंध दिसंबर 2024 में निरस्त कर दिया। कंपनी ने यह मामला न्यायालय में पहुंचा दिया, जिससे निर्माण कार्य पूरी तरह रुक गया।
बारिश ने बिगाड़ी हालत, रास्ते में भर रहा पानी
बारिश के चलते हाईवे की हालत और ज्यादा खराब हो गई है। गढ़, किठौर, सिसौली और बदरखा के आसपास सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। जब इन गड्ढों में पानी भरता है तो वाहन चालकों को उनकी गहराई का अंदाजा नहीं लगता और वही हादसों की वजह बनता है।
अकसर राहगीर गिरते हैं, वाहन पलटते हैं, स्कूली बच्चे चोटिल हो रहे हैं, लेकिन किसी जिम्मेदार की नजर अब तक इन हालात पर नहीं पड़ी है।
लोगों में गुस्सा, कई बार हो चुका प्रदर्शन
स्थानीय ग्रामीणों और संगठनों ने हाईवे की खराब हालत को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। भारतीय किसान यूनियन भी सड़कों की दुर्दशा को लेकर आंदोलन कर चुकी है, लेकिन अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है।
एनएचएआई ने जताई चिंता, जल्द भरेंगे गड्ढे
एनएचएआई परियोजना निदेशक अमित प्रणव ने बताया कि
"निर्माण कार्य की धीमी गति और लापरवाही के चलते कंपनी का ठेका रद्द कर दिया गया है। दूसरा टेंडर प्रक्रिया में है।"
उन्होंने कहा,
"हाईवे के जिन हिस्सों पर गड्ढे ज्यादा खतरनाक हैं, वहां अगले सप्ताह से मरम्मत कार्य शुरू कराया जाएगा।"
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