महिला रोग विशेषज्ञ और अन्य डॉक्टर रहे गैरहाजिर, मरीजों को घंटों करना पड़ा इंतजार
हापुड़। जिले की सबसे व्यस्त मानी जाने वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हापुड़ में सोमवार को स्वास्थ्य सेवाएं चरमराती नजर आईं। ओपीडी में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। स्थिति यह रही कि चिकित्सा प्रशिक्षुओं को ही ओपीडी संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
सुबह नौ बजे से ही अस्पताल परिसर में मरीजों की भीड़ उमड़ने लगी। पंजीकरण काउंटर पर लंबी कतारें देखी गईं। परंतु जब मरीज डॉक्टरों के चैंबर तक पहुंचे, तो अधिकांश कक्ष खाली मिले। जनरल ओपीडी में तैनात तीन डॉक्टरों में से केवल एक डॉक्टर ही अपनी ड्यूटी पर उपस्थित रहीं। वहीं, महिला रोग विभाग और नेत्र विभाग में भी चिकित्सक गैरहाजिर मिले।
मरीजों का कहना था कि उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई कि उनका इलाज प्रशिक्षु कर रहे हैं या अनुभवी डॉक्टर। कई मरीजों ने इसे गंभीर लापरवाही करार दिया। महिला मरीजों को तो और भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि स्त्री रोग विशेषज्ञ के ना होने से उन्हें बिना परामर्श लौटना पड़ा।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कुछ डॉक्टर इमरजेंसी ड्यूटी और कोर्ट एविडेंस में व्यस्त थे, जबकि अन्य अवकाश पर थे। नेत्र रोग विशेषज्ञ को विकलांगता प्रमाण पत्र बोर्ड में ड्यूटी पर भेजा गया था।
सोमवार को आमतौर पर मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा रहती है, लेकिन चिकित्सकों की अनुपस्थिति ने अस्पताल की व्यवस्था को आईना दिखा दिया। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन के बाहर भी मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं। कई मरीज दो से तीन घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए।
बुखार और संक्रमण के मरीज सबसे ज्यादा
सीएचसी में पहुंचे मरीजों में बुखार, पेट दर्द, चर्म रोग और मांसपेशियों के दर्द की शिकायतें सबसे अधिक रहीं। मगर डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते उन्हें समुचित इलाज नहीं मिल सका।
अधिकारियों से नहीं हो सकी मुलाकात
मरीज जब शिकायत लेकर उच्च अधिकारियों से मिलने पहुंचे तो वे भी अस्पताल में मौजूद नहीं थे। इससे लोगों में नाराजगी देखी गई।
"कुछ चिकित्सक इमरजेंसी ड्यूटी के चलते छुट्टी पर थे और कुछ विशेष ड्यूटी में लगे हुए थे। फिर भी ओपीडी संचालन सुनिश्चित किया गया।"
— डॉ. समरेंद्र राय, अधीक्षक, सीएचसी हापुड़
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