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हापुड़। हापुड़ रोडवेज डिपो से संचालित बसें दिनभर तो यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने में सक्रिय नजर आती हैं, लेकिन जैसे ही शाम ढलती है, कुछ महत्वपूर्ण मार्गों पर बसों की आवाजाही पूरी तरह थम जाती है। खासतौर पर किठौर और मोदीनगर रूट पर सफर करने वाले यात्रियों को हर रोज शाम को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सीमित संख्या में चल रही बसें
फिलहाल हापुड़ डिपो से लखनऊ, दिल्ली, हरिद्वार, बरेली समेत विभिन्न प्रमुख शहरों के लिए 139 रोडवेज बसों का संचालन किया जा रहा है। हालांकि, किठौर मार्ग पर मात्र दो बसों के सहारे यात्रियों को सफर करना पड़ता है। इनकी अंतिम सेवा शाम छह बजे के करीब होती है, जिसके बाद बस अड्डे पर सन्नाटा पसर जाता है।
यात्रियों को करनी पड़ रही मशक्कत
रोजाना नौकरी से लौटने वाले कर्मचारी, बाजार से घर जाने वाले ग्रामीण और छात्र-छात्राएं बस सेवा बंद होने के बाद निजी साधनों पर निर्भर हो जाते हैं। न तो साझा वाहन मिलते हैं और न ही किराया तय होता है, ऐसे में आम जनता को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है।
रणजीत सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, हापुड़ डिपो, का कहना है—
“शाम के समय इन मार्गों पर यात्री कम होते हैं। घाटे को देखते हुए इन रूटों पर बसें बंद रखी जाती हैं। यदि यात्रियों की संख्या बढ़ती है तो दोबारा समीक्षा की जाएगी।”
स्थानीय लोगों ने जताई नाराजगी
किठौर और मोदीनगर मार्ग के यात्रियों ने क्षेत्रीय प्रबंधन से मांग की है कि शाम के समय एक-एक अतिरिक्त बस सेवा चलाई जाए, जिससे कामकाजी लोगों और छात्रों को राहत मिल सके। उनका कहना है कि जनसुविधा के लिए घाटे की चिंता से ऊपर उठकर निर्णय लेना जरूरी है।
मुख्य तथ्य:
* हापुड़ डिपो से 139 बसों का संचालन
* किठौर रूट पर केवल दो बसें, वो भी शाम छह बजे तक
* बस सेवा बंद होने के कारण निजी वाहनों पर निर्भरता
* यात्रियों की प्रशासन से अतिरिक्त बस सेवा की मांग
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