HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़ - थाना सिम्भावली क्षेत्र के ग्राम सलारपुर में दो पक्षों के बीच हुए विवाद और मारपीट प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। डीआईजी कलानिधि नैथानी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई, जिसमें आरोप सही पाए जाने पर हल्का प्रभारी उपनिरीक्षक राजदीप सिंह और बीट हेड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार 10 सितंबर को गांव सलारपुर में दो पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था। अगले ही दिन 11 सितंबर को विवाद फिर भड़क गया और एक पक्ष के जितेंद्र पुत्र हेम सिंह को विपक्षी दुष्यंत, सोवीर पुत्रगण हंसा और गांधी पुत्र कमल सिंह ने मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आश्चर्यजनक बात यह रही कि घटना की जानकारी होते हुए भी हल्का प्रभारी राजदीप सिंह और बीट हेड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह ने न तो समय पर कानूनी कार्रवाई की और न ही उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। इतना ही नहीं, परस्पर वैमनस्यता के इस प्रकरण में किसी भी पक्ष से मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया। इससे ग्रामीणों में पुलिस के प्रति असंतोष और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई।
पीड़ित की शिकायत पर मंगलवार को डीआईजी कलानिधि नैथानी के समक्ष जब मामला पहुंचा तो उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच सीओ गढ़ को सौंपी। जांच रिपोर्ट में लापरवाही साबित होने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही पीड़ित पक्ष की तहरीर के आधार पर थाना सिम्भावली में मुकदमा मु0अ0सं0 293/25 धारा 115(2), 352, 110, 351(2), 351(3) बीएनएस बनाम दुष्यंत, सोवीर और गांधी के तहत पंजीकृत कर लिया गया।
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने परिक्षेत्र के सभी थानों और चौकी इंचार्जों को सख्त निर्देश दिए हैं कि परस्पर रंजिश या वैमनस्यता के मामलों में समझौते के चक्कर में समय न गँवाया जाए, बल्कि तत्काल मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि त्वरित कार्रवाई से जहां पीड़ित को समय से न्याय मिलता है, वहीं पुलिस के प्रति शिकायतों और अविश्वास की स्थिति भी समाप्त होती है।
स्थानीय लोगों ने डीआईजी की इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों पर की गई यह सख्ती बाकी अधिकारियों के लिए भी सबक बनेगी और भविष्य में ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा।
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