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बारिश ने बिगाड़ी सब्जियों की सेहत, मंडियों में घटती आवक से कीमतें आसमान पर


HALCHAL INDIA NEWS

हापुड़। सितंबर की शुरुआती बारिश ने जिले में भले ही गर्मी से राहत दिलाई हो, लेकिन किसानों और उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार हुई बरसात के चलते सब्जियों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में पानी भरने से उत्पादन घट गया है, जिसका सीधा असर मंडी की आवक और सब्जियों की कीमतों पर पड़ा है।


बीते एक सप्ताह में हरी सब्जियों के दामों में 50 से 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। पालक, धनिया, करौंदा, गोभी जैसी सब्जियां अब आम आदमी की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। वहीं, आलू, मटर, नींबू और भिंडी सहित कई सब्जियों के दाम भी रोजाना बढ़ रहे हैं।

खेतों में पानी भरने से खराब हुई फसल

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, रुक-रुक कर हुई भारी बारिश के चलते कई क्षेत्रों में सब्जियों की खड़ी फसल सड़ गई है। इसके कारण उत्पादन में कमी आई है और किसानों को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इससे मंडियों में स्थानीय आपूर्ति घट गई है और व्यापारी अब दूरदराज के राज्यों से माल मंगाने को मजबूर हैं।



महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ा

सब्जियों की कीमतों में आई तेजी ने घरेलू बजट को भी झटका दिया है। जहां एक ओर रसोई का खर्च बढ़ा है, वहीं आम लोगों ने महंगी सब्जियों की खरीददारी में कटौती शुरू कर दी है।

स्थानीय दुकानदारों और सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि शिमला, पंजाब, हिमाचल और मद्रास जैसे राज्यों से अब सब्जियां मंगाई जा रही हैं, जिससे परिवहन लागत भी जुड़ गई है। इससे मंडी में बिकने वाली सब्जियों की कीमत और बढ़ रही है।

विक्रेता बोले– यह हाल कुछ दिन और चलेगा

हापुड़ मंडी में सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि अगर मौसम साफ नहीं हुआ और स्थानीय फसल की हालत नहीं सुधरी, तो आने वाले सप्ताहों में दाम और बढ़ सकते हैं। खासतौर पर आलू, गोभी, मटर और धनिया जैसी सब्जियों की कीमतें त्योहारों तक ऊंचाई पर रह सकती हैं।