HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। विशेष पॉक्सो अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म, घर में घुसकर हमला करने और चाकू से घायल करने के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही पीड़िता को मानसिक और शारीरिक पीड़ा के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का आदेश भी दिया गया है।
प्रेमजाल में फंसाकर करता रहा शोषण, विरोध पर पहुंचा घर तोड़ा शांति
नगर कोतवाली क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने शिकायत में बताया था कि मोहल्ले का ही युवक सत्यम उर्फ आशिक उसकी नाबालिग बेटी को बहलाकर लंबे समय से शारीरिक शोषण कर रहा था। जब परिजनों ने इसका विरोध किया और आरोपी के माता-पिता को बताया, तो उन्हें न सिर्फ अपशब्द कहे गए, बल्कि धमकियां भी दी गईं।
27 मार्च 2022: आरोपी परिवार के साथ घर में घुसा, चाकू से किया हमला
घटना के दिन आरोपी सत्यम अपने परिजन—पिता सुनील, मां सुनीता और एक अन्य युवक शिवम के साथ पीड़िता के घर में जबरन घुस आया। वहां मौजूद किशोरी और उसके परिवार के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। इसी दौरान शिवम ने चाकू से किशोरी की कलाई पर वार कर दिया, जिससे वह लहूलुहान हो गई।
शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए, जिन्होंने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला। जाते समय आरोपी परिवार ने जान से मारने और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी।
पुलिस की लापरवाही के बाद एसपी के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़ित परिवार ने पहले स्थानीय चौकी और कोतवाली पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में एसपी से गुहार लगाने पर मामला दर्ज हुआ और आरोपी सत्यम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत में हुई।
कोर्ट का फैसला: 10 साल की सजा, न देने पर 2 माह अतिरिक्त कारावास
अदालत ने अभियुक्त सत्यम उर्फ आशिक को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने की स्थिति में उसे अतिरिक्त दो माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
पीड़िता को मुआवजा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देगा एक लाख रुपये
पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पीड़िता को एक लाख रुपये की प्रतिकर धनराशि दी जाए। यह राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हापुड़ के माध्यम से प्रदान की जाएगी, ताकि पीड़िता का पुनर्वास हो सके।
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