गढ़मुक्तेश्वर। गंगा नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन पानी घटने के साथ ही तटीय इलाकों में जमीन कटाव की समस्या गहरा गई है। खासकर खादर क्षेत्र के किसान अपने खेतों को गंगा में समाता देख चिंतित हैं। पहले ही हजारों बीघा उपजाऊ भूमि नदी की धार में समा चुकी है।
शनिवार को गढ़ और ब्रजघाट क्षेत्र में गंगा का जलस्तर 199.07 मीटर रिकॉर्ड किया गया था, जबकि रविवार शाम तक यह घटकर 198.87 मीटर पर आ गया। दो दिनों में 20 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है।
कई गांवों की भूमि पर मंडरा रहा संकट
जलस्तर में गिरावट से जहां बाढ़ का खतरा कम हुआ है, वहीं चक लठीरा, कुदैनी की मढ़िया, गड़ावली सहित अन्य गांवों में गंगा किनारे की भूमि पर कटान तेजी से शुरू हो गया है। नदी किनारे की खेती चौपट हो रही है।
ग्रामीण रवि कुमार ने बताया कि “गंगा का पानी तो उतर रहा है, लेकिन अब खेत बह रहे हैं। सरकार को कटाव रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।”
प्रशासन अलर्ट मोड में
एसडीएम श्रीराम सिंह ने बताया कि गंगा के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है। प्रभावित गांवों में राहत सामग्री, चारा और दवाएं पहुंचाई जा रही हैं।
संक्रमण का भी बना हुआ है खतरा
पानी उतरने के बाद नदी का दूषित जल खेतों और घरों तक पहुंच रहा है, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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