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हापुड़। जिले में एक प्लाईवुड कारोबारी द्वारा फर्जी कंपनियों के जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गबन करने का मामला सामने आया है। राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (SIB) की जांच में खुलासा हुआ कि फर्म ने करीब 2.70 करोड़ रुपये की फर्जी ITC क्लेम की थी। जांच के बाद विभाग ने फर्म संचालक से 1.07 करोड़ रुपये की वसूली की है। फिलहाल प्रकरण की जांच अभी जारी है।
मामला सिंभावली क्षेत्र के खुड़लिया गांव स्थित वुड क्राफ्ट टिंबर नाम की फर्म से जुड़ा है, जो जीएसटी खंड-1 में पंजीकृत है। यह फर्म लकड़ी और टिंबर का व्यापार करती है। एसआईबी की टीम ने जब फर्म की डिजिटल टैक्स फाइलिंग और लेन-देन का विश्लेषण किया, तो पाया कि कंपनी ने टैक्स भुगतान की अपेक्षा अत्यधिक ITC क्लेम कर रखी थी।
जांच में सामने आया कि फर्म ने बोगस फर्मों के माध्यम से लेन-देन दिखाकर करीब 2.70 करोड़ रुपये की ITC प्राप्त की। इतना ही नहीं, फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में लगभग 6.95 करोड़ रुपये के ई-वे बिल रद्द भी किए हैं, जो संदेह को और गहरा करता है।
एसआईबी की टीम में शामिल CTO सतीश तिवारी और आलोक रॉय ने मौके पर जाकर जब फर्म का भौतिक सत्यापन किया, तो वहां कोई स्टॉक मौजूद नहीं था। इसके बाद फर्म संचालक को नोटिस भेजा गया और दबाव बनाए जाने पर उसने सीजीएसटी में 48.33 लाख और एसजीएसटी में 59.53 लाख रुपये, कुल 1.07 करोड़ रुपये विभाग के खाते में जमा करा दिए।
राज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त (एसआईबी) अजय प्रताप सिंह ने कहा कि ऐसी फर्में जो फर्जी लेन-देन दिखाकर टैक्स चोरी कर रही हैं, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि टैक्स चोरी के मामलों में कड़ाई से कार्रवाई की जाएगी।
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