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अग्नि-तीर से हुआ रावण वध, गढ़मुक्तेश्वर में दशहरा पर खूब उमड़ा जनसैलाब


HALCHAL INDIA NEWS

गढ़मुक्तेश्वर। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व गुरुवार की शाम गढ़मुक्तेश्वर और आसपास के गावों में श्रद्धा – भक्ति और उमड़ती भीड़ के बीच मनाया गया। रामलीला के अंतिम चरण में प्रभु श्रीराम ने रावण का संहार किया और बड़े शोर-शराबे के बीच रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया।

नगर के मुख्य रामलीला मैदान में कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय समाजसेवियों पवन जैन, राजू भैया, कुनाल पंडित के साथ समिति अध्यक्ष रूपेश पंडित व कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु नागर ने संयुक्त रूप से आरती कर किया। सिंभावली, ब्रजघाट व लुहारी जैसे स्थानों पर भी स्थानीय गणमान्य लोगों और समितियों ने राम दरबार की आरती और मंचन की जिम्मेदारी संभाली। ब्रजघाट के आयोजकों में जितेंद्र यादव (डीपी), सुनील राणा, अनीता राणा, दीपक गौड़, मोनू गुरु व समिति अध्यक्ष अखिल शर्मा प्रमुख रहे। सिंभावली में अजय दादूसुरेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम आयोजित किया।

मंच पर दिखाए गए युद्ध-दृश्यों में विभीषण की सलाह के बाद श्रीराम ने रावण के नाभि पर अग्निबाण चलाकर उसका संहार किया—जैसे ही यह क्षण आया, मैदान जय-श्रीराम के नारे से गूंज उठा। शाम ढलते ही विशाल पुतलों को आग्रा कर दहन कर दिया गया, जिसे देखकर दर्शक भाव-विभोर रहे।

प्रशासनिक सतर्कता बरती गई

प्रशासन ने भी मेले की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया। पुलिस अधीक्षक ज्ञानंज्य सिंह ने गढ़, ब्रजघाट व बक्सर के मेला स्थलों का निरीक्षण कर आयोजन समिति व तैनात पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने, मनचलों और संदिग्ध तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने और जेबकतरे गिरोहों पर सख्त चेतावनी देने को कहा।

लुहारी में कार्यक्रम का शुभारंभ बहादुरगढ़ थाना प्रभारी धीरज मलिक व ग्राम प्रधान राजकुमार ने भी किया। आयोजकों ने बताया कि दशहरा के रंग और भक्ति-भाव के बीच आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और लोगों ने परंपरा के अनुसार दहन देखते हुए पर्व की गरिमा अनुभव की।