Ticker

6/recent/ticker-posts

Header logo

हापुड़ में वायु प्रदूषण चरम पर, एक्यूआई 361 तक पहुंचा


HALCHAL INDI A NEWS

धुंध की मोटी परत से ढका शहर, सांस लेने में हो रही तकलीफ़

हापुड़। जिले में रविवार को प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया। हवा की गति सामान्य रहने के बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 361 दर्ज किया गया, जो इस वर्ष का सबसे अधिक स्तर है। सुबह से ही आसमान में धुंध छाई रही, जिससे दृश्यता कम रही और लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सुबह के समय शहर के कई इलाकों में धुएं और धुंध का असर अधिक दिखाई दिया। दस बजे तक एक्यूआई तेजी से बढ़कर 358 पहुंच गया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर दिवाली के दिन भी नहीं पहुंचा था, जिससे स्पष्ट है कि हालात चिंताजनक हो चुके हैं।

लोगों ने महसूस की जलन और घुटन

पूरे दिन हवा में धूल और धुएं का मिश्रण बना रहा। कई लोगों ने आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायत की। बच्चों को भी बाहर खेलने से रोका गया। रविवार के कारण अधिकांश लोग घरों में ही रहे।

प्रशासनिक निष्क्रियता पर उठे सवाल

शहर में ग्रेप-II (GRAP-II) लागू होने के बावजूद किसी भी प्रकार का पानी का छिड़काव या नियंत्रण अभियान नजर नहीं आया। खुले में निर्माण सामग्री पड़ी रही और कई जगहों पर कूड़ा जलाने की घटनाएं जारी रहीं। इससे नाराज़ लोगों ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए और डीएम अभिषेक पांडेय से हस्तक्षेप की मांग की।

वाहनों की संख्या बनी बड़ी वजह

गंगा मेले के चलते इस समय जिले में वाहनों की आवाजाही सामान्य से अधिक है, जिससे हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ गई है।
एडीएम संदीप कुमार ने बताया कि, “गंगा मेले को देखते हुए सड़कों पर पानी के छिड़काव की व्यवस्था की जा रही है, ताकि बढ़ते प्रदूषण पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सके।”