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कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गंगा तट पर दीपों का सागर, अपनों की याद में भावुक हुए श्रद्धालु


HALCHAL INDIA NEWS

गढ़मुक्तेश्वर। मंगलवार की शाम कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गंगा किनारे आस्था और श्रद्धा का अनुपम दृश्य देखने को मिला। हजारों श्रद्धालुओं ने अपने दिवंगत परिजनों की आत्मा की शांति के लिए दीप प्रवाहित किए। देखते ही देखते गंगा की लहरें दीपों से झिलमिलाने लगीं और तट ऐसा प्रतीत हुआ मानो तारों से सजा आकाश धरती पर उतर आया हो।

श्रद्धालु अपने प्रियजनों को याद कर भावुक हो उठे। कई लोगों की आंखें नम थीं, तो कुछ श्रद्धालु मौन होकर दीप प्रवाहित कर रहे थे। वातावरण में भक्ति, करुणा और स्नेह का अद्भुत संगम महसूस हुआ।

गढ़मुक्तेश्वर में चल रहे कार्तिक मेले की शुरुआत 31 अक्तूबर को हुई थी, जो कार्तिक पूर्णिमा के मुख्य स्नान के बाद समाप्त होगी। आधिकारिक रूप से मेला छह नवंबर तक चलेगा। बीते कई दिनों से देशभर से आए श्रद्धालु गंगा तट पर डेरा डाले हुए हैं और पूजा-अर्चना में लीन हैं।

मंगलवार को चर्तुदशी तिथि पर ब्रजघाट, तिगरी धाम (अमरोहा) और पुष्पावती पूठ सहित बारह घाटों पर दीपदान हुआ। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बड़ी संख्या में लोग इस पुण्य कार्य में शामिल हुए।

श्रद्धालुओं ने पटेरों में दीप, पुष्प और प्रसाद रखकर गंगा मां को अर्पित किया। जलधारा पर बहते दीपों का दृश्य मन मोह लेने वाला था। दीपदान के पश्चात पुरोहितों को वस्त्र, अन्न और दक्षिणा भेंट की गई।

                                

रातभर गंगा किनारा प्रकाश और आस्था से आलोकित रहा। हर तरफ से "गंगे हरि" के जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धा से ओतप्रोत इस आयोजन ने अपनों की याद और गंगा भक्ति — दोनों का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।