HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। किसानों के नाम पर उर्वरकों की काल्पनिक बिक्री दिखाकर अनुदानित खाद को दूसरे राज्यों में महंगे दामों पर बेचने का मामला उजागर हुआ है। इस पूरे प्रकरण में 200 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी में धांधली होने की आशंका जताई जा रही है। केंद्र सरकार के उर्वरक मंत्रालय और राज्य सरकार ने इस पर गंभीर रुख अपनाया है।
मामले में जिले की दो प्रमुख फर्में जांच एजेंसियों की रडार पर हैं और माना जा रहा है कि उन पर किसी भी समय कार्रवाई हो सकती है। नियमों के तहत उद्योगों में सब्सिडी वाले यूरिया, डीएपी और अमोनियम सल्फेट के इस्तेमाल पर रोक है, जबकि उन्हें बिना सब्सिडी वाले उर्वरक खरीदने होते हैं, जिनकी कीमत कई गुना अधिक होती है।
हापुड़ के निवासी राजदीप ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए शासन को संबंधित दस्तावेज भेजे हैं। आरोप है कि फर्मों ने एक ही किसान के नाम पर 80 से ज्यादा उर्वरक बैग जारी कर दिए और तीन महीनों में करीब 40 हजार बैग की संदिग्ध बिक्री दर्ज की गई। शिकायत के साथ प्रस्तुत साक्ष्यों ने मामले को और गंभीर बना दिया है।

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