HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण का असर अब लोगों की सेहत पर दिखने लगा है। शहर में अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हवा में मौजूद धूल और धुएं के कारण सांस की नलियां सिकुड़ने से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
डॉक्टरों के अनुसार, रात के समय ठंड और दिन में धूप की गर्मी से स्थिति और बिगड़ रही है। सीएचसी व जिला अस्पताल में रोजाना तीस से अधिक मरीज सांस फूलने, खांसी और जुकाम जैसी शिकायतों के साथ इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पहले जहां पांच-छह अस्थमा मरीज आते थे, अब संख्या कई गुना बढ़ चुकी है।
टीबी वार्ड में बेड फुल हो चुके हैं और दमा से पीड़ित बच्चों को नेबुलाइजर देने की नौबत आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि घरों की सफाई, पुताई और धूल के कणों से हवा दूषित हो रही है, जो सांस के मरीजों के लिए हानिकारक है।
फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि इस समय सांस से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। ठंडी हवा, धूल और धुएं से बचें और लक्षण बढ़ने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, क्योंकि लापरवाही से ऑक्सीजन लेवल कम हो सकता है।
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