HALCHAL INIDA NEWS
गढ़मुक्तेश्वर। नगर में सीवर लाइन की खराब स्थिति पिछले कई वर्षों से शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। टूटे हुए मैनहोल और जाम हुई नालियों के कारण सड़क पर पानी जमा रहता है और हादसों का खतरा बढ़ गया है।
करीब 15 साल पहले दूषित पानी को सड़क और गंगा में जाने से रोकने के उद्देश्य से दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने और नई सीवरलाइन बिछाने की योजना शुरू की गई थी। नमामि गंगे योजना के तहत 2010 में 46 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाया भी गया। लेकिन निर्माण में मानकों का पालन न होने और एसटीपी के सही संचालन में बाधाओं के कारण योजना पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है।
स्थानीय निवासी दिनेश ने बताया कि कई इलाकों में मैनहोल के ढक्कन टूटे हुए हैं और नालियां साफ न होने की वजह से उफनी हुई हैं। उनका कहना है कि सुबह और शाम के समय सड़कें दूषित पानी से भर जाती हैं। वहीं, नगर के पवन ने बताया कि इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
नगर पालिका की कार्यकारी अधिकारी पवित्रा त्रिपाठी ने बताया कि अब एसटीपी नगर पालिका के अधीन है, ताकि जाम मैनहोल की सफाई की जा सके और सड़क पर दूषित पानी जमा न हो।

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