HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। पिलखुवा क्षेत्र में जीएसटी पंजीकरण के नाम पर किए गए बड़े फर्जीवाड़े का राज्य कर विभाग ने पर्दाफाश किया है। जांच में पता चला कि एक फर्म ने कागज़ी कारोबार दिखाकर 1.33 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) गलत तरीके से हासिल कर लिया था, जबकि भौतिक सत्यापन में वह फर्म अस्तित्व में ही नहीं मिली।
कैसे हुआ खुलासा?
राज्य कर विभाग के खंड-4 के सहायक आयुक्त जयप्रकाश ने बताया कि गौतमबुद्धनगर के दनकौर निवासी रहमत खान ने 9 जुलाई 2020 को आरके ट्रेडिंग कंपनी नाम से जीएसटी पंजीकरण कराया था।
फर्म के पते के तौर पर पिलखुवा के फरीदनगर मोड़ का किरायानामा और बिजली बिल प्रस्तुत किया गया था।
जांच में सामने आया कि फर्म ने 2020–21 में बोगस फर्मों की फर्जी इनवॉइस का इस्तेमाल करके आईटीसी क्लेम किया, जबकि न तो कोई वास्तविक खरीद हुई और न ही बिक्री। निरीक्षण के दौरान फर्म का कोई अस्तित्व नहीं पाया गया।
कितने की हुई हेराफेरी?
जांच में कुल 66,94,639 रुपये का जीएसटी कर बकाया पाया गया।
इतना ही अर्थदंड जोड़कर कुल घोटाले की राशि 1,33,89,278 रुपये पहुंच गई।
कानूनी कार्रवाई
फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद सहायक आयुक्त जयप्रकाश ने फर्म संचालक रहमत खान के खिलाफ पिलखुवा कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया है। मामले की आगे की जांच पुलिस द्वारा की जाएगी।


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