HALCHAL INDIA NEWS
हापुड़। शहर में बन्दर अब रोजमर्रा की समस्याओं का कारण बन गए हैं। दुकानों और बाजारों से लेकर रहने वाले इलाकों तक—बंदरों के झुंड लगातार उत्पात मचा रहे हैं और कई बार लोगों पर हमले की घटनाएं भी सामने आई हैं। बढ़ते हमलों और जनसुरक्षा के लिहाज से नगर पालिका बोर्ड ने अब निर्णायक कदम उठाने का फैसला किया है।
नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड की आगामी बैठक में एक हजार बंदरों को पकड़वाकर शहर से हटाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस प्रस्ताव के तहत नगर पालिका संबंधित ठेकेदार को प्रति बंदर 750 रुपए भुगतान करेगी। प्रस्ताव के पारित होते ही ठेकेदारों द्वारा बंदरों को पकड़कर शहर के बाहर किसी उपयुक्त स्थान पर छोड़ा जाएगा।
बढ़ती घटनाओं से जनता में डर
पिछले कुछ दिनों से बंदरों के हमलों की घटनाओं में तादाद बढ़ी है। कई घटनाएं सीसीटीवी कैमरों में कैद भी हुई हैं, जिनके वीडियो इंटरनेट व स्थानीय मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। इसका असर यह हुआ है कि लोग बाजारों में जाने, स्कूली बच्चों के बाहर खेलने और दोपहिया वाहन चलाने से भी हिचक रहे हैं। व्यापारी और राहगीर दोनों आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान हैं।
अधिकारी बोले — जल्द कार्रवाई होगी
अधिशासी अधिकारी संजय कुमार मिश्रा ने कहा, “जनमानस की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होते ही हम नियंत्रित तरीके से बंदरों को पकड़कर उन्हें शहर से बाहर छोड़ने की कार्रवाई आरम्भ कर देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई मानवीय तरीके से और वन्यजीव संरक्षण नियमों का पालन करते हुए की जाएगी।
स्थानीय उम्मीद और चिंताएँ
नागरिकों का कहना है कि अगर प्रस्ताव अमल में आ गया तो इससे कुछ राहत मिलेगी, पर कुछ लोग इस बात पर भी चिंतित हैं कि कहीं बंदरों का पुनर्वास उचित तरीके से न हो। विशेषज्ञों का मत जानने और वैकल्पिक समाधान—जैसे आवासीय क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन सुधारना, फल-फूल विक्रेताओं के सामान की सुरक्षा व जागरूकता अभियान—पर भी ज़ोर दिया जा रहा है।
नगर पालिका की यह योजना शीघ्र सामने आएगी और बोर्ड की मंजूरी के बाद ही कार्यवाही शुरू होगी। जनता उम्मीद कर रही है कि इससे शहर में शांति और सुरक्षा वापिस आएगी।
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